यूपी में इस एयरपोर्ट के लिए जीन किसानों ने दी थी जमीन, सरकार देगी यह तोहफा

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के कारण प्रभावित किसानों को 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा देने का निर्णय लिया गया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब लोग एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेवर के किसानों से 20 दिसंबर 2024 को मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने किसानों की समस्याओं को सुना और उनके हितों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था। अब इस निर्णय को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है, जिससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। यह निर्णय किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और इससे उनके जीवन में सुधार आने की संभावना है।
किसानों के लिए एक अहम खबर है। यमुना प्राधिकरण अब तक उन्हें 3100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दे रहा था। लेकिन किसानों ने लंबे समय से यह मांग की थी कि इलाके के विकास के कारण उनकी जमीनों की कीमत बढ़ गई है। इसलिए, उन्हें बढ़े हुए मुआवजे का हक मिलना चाहिए। यमुना विकास प्राधिकरण को एयरपोर्ट के विकास के लिए कुल 2053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना है। यह अधिग्रहण तीसरे और चौथे चरण के विकास के तहत किया जाएगा।
जमीन के अधिग्रहण के मामले में अब तक 70 % किसानों से सहमति प्राप्त हो चुकी है। इस महत्वपूर्ण विकास के बाद, जिला प्रशासन ने धारा-11 के तहत प्रस्ताव को तैयार कर लिया है। इसके परिणामस्वरूप, एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में प्रस्तावित दो रनवे और विमान के इंजन बनाने वाली कंपनियों के लिए विकास के मार्ग प्रशस्त हो गए हैं।
प्रदेश में एक नया एयरपोर्ट विकास परियोजना तेजी से आकार ले रही है, जिसमें 2 रनवे का निर्माण और 750 एकड़ में विमान के इंजन बनाने वाली कंपनी की स्थापना शामिल है। प्रदेश सरकार ने फरवरी में अपने बजट में इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 1550 करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की थी।
इस फंड में से 1500 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए निर्धारित किए गए हैं, जबकि 50 करोड़ रुपये का आवंटन भवन निर्माण के लिए किया गया है। यह परियोजना न केवल क्षेत्र के विकास को गति देगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी। इस विकास से क्षेत्र में विमानन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रदेश की पहचान एक प्रमुख हवाई केंद्र के रूप में स्थापित होगी।
नोएडा एयरपोर्ट के विकास के लिए तीसरे और चौथे चरण में 2053 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। इस भूमि में कई गांव शामिल हैं, जैसे नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजापुर, पारोही, किशोरपुर, बनवारीबांस, जेवर बांगर, मुकीमपुर शिवारा, साबुता, अहमदपुर चवरौली, दयानतपुर, रोही और बंकापुर। इस अधिग्रहण प्रक्रिया में सबसे अधिक प्रभावित होने वाले गांवों में थोरा और रामनेर शामिल हैं, जहां लगभग 17 हजार किसान अपनी भूमि खोने की स्थिति में हैं। किसानों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार को उचित मुआवजे और पुनर्वास योजनाओं पर विचार करना चाहिए ताकि उनके जीवन स्तर में कोई गिरावट न आए।