यूपी में प्राइवेट यूनिवर्सिटी का फैक डिग्री का खेल जारी ! चांसलर, रजिस्ट्रार समेत तीन गिरफ्तार
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद स्थित जेएस यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राजस्थान एसओजी ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय के चांसलर, रजिस्ट्रार और एक दलाल को गिरफ्तार किया है। यह विश्वविद्यालय पैसों के बदले बैक डेट में डिग्रियां जारी करने के लिए कुख्यात था।
इस यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई तो डिग्री फर्जी
आपका फ्यूचर खराब कर चांसलर.रजिस्ट्रार ने कमाए
विदेश भागने की फिराक में था चांसलर एयरपोर्ट से दबोचा गया सूत्रों के अनुसार चांसलर सुकेश कुमार को जब एसओजी की कार्रवाई का अंदेशा हुआ तो उसने विदेश भागने की कोशिश की। हालांकि दिल्ली एयरपोर्ट पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला है कि यह गिरोह लाखों रुपये लेकर बैक डेट में बीपीएड समेत अन्य कोर्स की फर्जी डिग्रियां जारी कर रहा था। अधिकारी ने यह भी बताया कि कई उम्मीदवारों ने सत्यापन प्रक्रिया के दौरान जेएस विश्वविद्यालय से अपनी डिग्री दिखाई थी, जबकि उन्होंने आवेदन प्रक्रिया के दौरान एक अलग विश्वविद्यालय का नाम बताया था। सिंह ने कहा, पीटीआई-2022 परीक्षा में अपने आवेदन के दौरान कम से कम 2,067 छात्रों ने जेएस विश्वविद्यालय का उल्लेख किया था। हालांकि, यह कुल संख्या बीपीएड पाठ्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुल प्रवेश से बहुत अधिक है। एसओजी के एक अधिकारी ने बताया कि परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के प्रोफाइल और पृष्ठभूमि की समीक्षा के दौरान यह मामला जांच के दायरे में आया। परीक्षा पहले से ही एसओजी की जांच के दायरे में है, क्योंकि पाया गया कि कई अभ्यर्थियों ने दूसरे के स्थान पर परीक्षा उत्तीर्ण की है। सिंह ने कहा, उसने रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और एक निजी व्यक्ति अजय भारद्वाज के साथ मिलकर पिछले 10 सालों में कई छात्रों को पैसे के बदले में हज़ारों फ़र्जी डिग्रियाँ जारी की थीं। हालाँकि उन्हें मिली राशि की अभी भी जाँच की जा रही है, लेकिन यह पता चला है कि उन्होंने ऐसे छात्रों को पिछली तारीख़ के टाइमस्टैम्प के साथ बीपीएड की डिग्रियाँ जारी कीं, जो कभी विश्वविद्यालय में गए ही नहीं। शनिवार को हमने कुमार, मिश्रा और भारद्वाज को गिरफ़्तार कर लिया। शिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश में जेएस यूनिवर्सिटी की स्थापना 2015 में सुकेश कुमार ने की थी। सुकेश इस यूनिवर्सिटी के वर्तमान चांसलर हैं। अधिकारी ने बताया कि वे आगरा गवर्नमेंट कॉलेज के प्रिंसिपल भी हैं। सिंह ने कहा, ष्एक अन्य आरोपी भारद्वाज भी राजस्थान के कुख्यात पेपर लीक मास्टरमाइंड भूपेंद्र सरन के संपर्क में पाया गया। भारद्वाज राजस्थान के डूंगरपुर और मेघालय में दो और निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बना रहा था। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने अब तक 254 जेएस पूर्व छात्रों में से 108 की पहचान की है, जो फर्जी डिग्री के साथ पीटीआई-2022 परीक्षा में शामिल हुए थे। एडीजीपी ने कहा, ष्इन सभी उम्मीदवारों ने दावा किया है कि उन्होंने 2022 में अपनी डिग्री प्राप्त की है, जबकि विश्वविद्यालय में केवल 100 का प्रवेश है। शेष उम्मीदवारों की डिग्रियों की भी हमारी जांच चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चांसलर सुकेश शनिवार सुबह विदेश भागने की फिराक में था, जब एसओजी ने उसे तलब किया। उसे दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया।