यूपी के इस जिले में सड़क चौड़ीकरण के लिए तोड़े जाएँगे मंदिर और मदरसे

यूपी के इस जिले में सड़क चौड़ीकरण के लिए तोड़े जाएँगे मंदिर और मदरसे
यूपी के इस जिले में सड़क चौड़ीकरण के लिए तोड़े जाएँगे मंदिर और मदरसे

उत्तर प्रदेश: राजधानी लखनऊ में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की. इस बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), लोक निर्माण विभाग (PWD) और सेतु निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक का मुख्य उद्देश्य लखनऊ मंडल में जारी सड़क और पुल निर्माण कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा करना और निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करना था.

बैठक के दौरान अर्जुनगंज क्षेत्र में निर्माणाधीन फोरलेन सड़क का मुद्दा अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा, जहां एक मंदिर सड़क के मध्य में बन जाने से निर्माण कार्य में गंभीर रुकावट उत्पन्न हो रही है. इस पर मंडलायुक्त डॉ. जैकब ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट आदेश दिया कि जनहित और विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, और सड़क निर्माण में बाधा बन रहे धार्मिक ढांचे को तुरंत प्रभाव से हटा दिया जाए जिससे प्रोजेक्ट की समयसीमा पर कोई असर न पड़े. इसी क्रम में तिवारीगंज क्षेत्र की सर्विस लेन पर एक मदरसे को भी ट्रैफिक अवरोधक माना गया है. इसे लेकर नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को साफ आदेश दिए गए हैं कि जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए इस संरचना को हटाया जाए. मंडलायुक्त ने बैठक में कहा कि चाहे धार्मिक स्थल हो या अन्य कोई ढांचा, यदि वह सड़क या पुल निर्माण में रुकावट बन रहा है, तो उसे हटाना अनिवार्य है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विकास कार्यों में देरी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी एजेंसियों को समन्वय के साथ कार्य तेज करना होगा. 

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बैठक में लखनऊ-हरदोई रोड को निर्मित कराने के कार्य की भी समीक्षा की गई. डॉ. जैकब ने NHAI को सख्त आदेश देते हुए कहा कि यह परियोजना 31 जून की डेडलाइन तक पूर्ण हो जानी चाहिए. साथ ही, उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता न करने पर बल दिया. PWD की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ के मध्य क्षेत्र में 148 नई सड़कों को निर्मित कराने की योजना है, लेकिन अब तक सिर्फ 42 सड़कों का कार्य ही पूरा हो पाया है. वहीं, 344.39 किलोमीटर की मरम्मत योजना में से केवल 70 सड़कों की मरम्मत पूरी हो सकी है. इस पर नाराज़गी जताते हुए मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया कि कार्य को युद्धस्तर पर तेज किया जाए और नियमित रूप से प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. सेतु निगम की रिपोर्ट में बताया गया कि लखनऊ मंडल में कुल 33 पुलों और ओवरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें से 11 अकेले लखनऊ जिले में स्थित हैं. डॉ. जैकब ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिया कि हर निर्माण कार्य तय समयसीमा और उच्च गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप पूरा होना चाहिए. अगर किसी स्थान पर कोई भी अड़चन उत्पन्न होती है तो तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जाए ताकि समाधान समय पर निकाला जा सके. राजधानी लखनऊ में बुनियादी ढांचे को आधुनिकता से निर्मित करने के लिए प्रशासन ने अब सख्ती से कमर कस ली है.

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