यूपी में बनेगा इंटरनेशनल एग्री हब, नोएडा एयरपोर्ट के पास 50 एकड़ में होगी शुरुआत

उत्तर प्रदेश: गौतमबुद्ध नगर और पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी सौगात आने वाली है. फल, सब्ज़ी और उनसे बने उत्पादों को सीधे विदेशी बाजार तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलेगा, साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास होगा एक्सपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास इननोवा फूड पार्क नाम का एक आधुनिक एग्री एक्सपोर्ट हब निर्मित किया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए 50 एकड़ ज़मीन आवंटित कर दी है.
इस हब से कृषि उत्पादों के साथ-साथ दूध और दूसरे खाद्य पदार्थों को प्रोसेस कर विदेशों में निर्यात किया जाएगा. एयरपोर्ट को निर्मित कराने का कार्य इस तरह से किया जा रहा है कि वह यात्री सेवा के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए भी उपयोगी हो सके.
कई वर्षों से बनाई जा रही थी योजना
एग्री हब बनाने की योजना काफी पहले से जारी थीं. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में वर्ल्ड बैंक, भारत बायोटेक, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. और एआइसेट के अधिकारियों के बीच बैठकें हो चुकी थीं. हालांकि, पहले गामा रेडिएशन तकनीक के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति थी, जिस वजह से प्रोजेक्ट में देरी हुई थी. अब उस समस्या का समाधान निकाल लिया गया है.
प्रोसेसिंग, पैकिंग और ग्रेडिंग की सुविधाएं मौजूद
इस हब में आम, अमरूद और सब्जियों की प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, शॉर्टिंग और पैकेजिंग की आधुनिक सुविधाएं मौजूद होंगी. यह केंद्र नोएडा के अलावा, बुलंदशहर, अलीगढ़ और अन्य पश्चिमी यूपी जिलों के किसानों के उत्पादों को भी सेवा देगा.
किसानों को होगा लाभ
इस पूरी योजना का सबसे बड़ा लाभ किसानों को मिलेगा. पहले जो उत्पाद केवल स्थानीय मंडियों तक सीमित रहते थे, अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म मिलेगा. इससे किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिल पाएगा और उनकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी होगी.
पतंजलि भी बना रहा फूड और हर्बल पार्क
इसी क्रम में पतंजलि समूह भी यीडा सेक्टर 22ई में एक बड़ा फूड पार्क का निर्माण कर रहा है. इसे 2017 में 430 एकड़ ज़मीन दी गई थी. इसके साथ ही एक हर्बल पार्क का भी निर्माण किया जा रहा है.
पीपीपी मॉडल पर होगा विकास, मिलेगी सब्सिडी
इस एक्सपोर्ट हब को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर निर्मित किया जाएगा. इसके लिए सरकार की तरफ से कई प्रकार की छूट दी गई हैं:-
- जमीन की लागत पर 75% सब्सिडी
- स्टांप शुल्क में 100% छूट
- 2 साल तक बिजली के बिल में भी राहत
यीडा के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब सरकार के आदेश के अनुसार आगे का कार्य तेजी से किया जाएगा.
हर साल 40 मिलियन टन होता है उत्पादन
उत्तर प्रदेश हर साल लगभग 40 मिलियन टन फल और सब्जियों का उत्पादन करता है. परंतु इनका ज़्यादातर हिस्सा देश के बाजारों में ही खपत हो जाता है. अधिक उत्पादन होने की वजह से बाजार में दाम कम हो जाते हैं और किसानों को लाभ नहीं मिल पाता. एग्री एक्सपोर्ट हब से इस स्थिति में विशेष परिवर्तन हो सकता है.