यूपी में खेतीहर और मजदूरों के लिए सरकार करेगी यह काम, जानिए क्या-क्या है प्लान

यूपी में खेतीहर और मजदूरों के लिए सरकार करेगी यह काम, जानिए क्या-क्या है प्लान
Uttar Pradesh News

यूपी में राज्य सरकार ने किसान, मजदूर के लिए राहत की खबर सामने लेकर आई है. सरकार ने न्यूनतम मजदूरी की दर में बड़ा संशोधन किया है. इस दौरान राज्य के सभी जिलों में कृषि कामों से जुड़े व्यस्त श्रमिकों को प्रतिदिन प्रतिमान न्यूनतम मजदूरी आवश्यक रूप से प्राप्त होगी. 

खेतीहर और मजदूरो की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसान और मजदूरों के हित के लिए न्यूनतम मजदूरी की दर में एक महत्वपूर्ण संशोधन करके राहत देने का कार्य किया है अब राज्य के सभी जिलों में कृषि कार्यों से संबंधित जुड़े व्यस्क श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी की राशि आसानी से प्राप्त होगी जिसमें अब इस बढ़ोतरी के इस फैसले से लाखो खेतीहर, कुक्कुट पालन, मजदूर, मधुमक्खी पालन, पशुपालन समेत कृषि आधारित उद्योगों से कनेक्ट लोगों को वित्तीय सुरक्षा तथा सम्मानजनक जीवन का आधार आसानी से मिल पाएगा. इसी बीच के प्रमुख सचिव श्रम और सेवायोजन विभाग डॉक्टर एमके शनमुगा सुंदरम ने कहा है कि यह दर राज्य के हर प्रकार की खेती पर लागू किया जाएगा.

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अब चाहे वह परंपरागत कृषि हो. मशरूम उत्पादन हो या मंडी तक फसल पहुंचने का श्रम, इसमें दुग्ध उत्पादन, कुकुट पालन, पशुपालन और मधुमक्खी पालन इन से जुड़ी सभी सहायक गतिविधियों को भी शामिल किया गया है. सरकार ने आप स्पष्ट कर दिया है कि श्रमिकों के हितों की रक्षा करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है इससे पहले भी सरकार ने ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के करोड़ों मजदूर का पंजीकरण कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया था. जिसमें न्यूनतम मजदूरी की यह नई अधिसूचना इस श्रृंखला में एक और मजबूत कड़ी है.

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डिजिटल के जरिए होगा भुगतान

राज्य की योगी सरकार ने पूर्ण रूप से स्पष्ट कर दिया है कि मजदूरी का भुगतान अब नगद, आशिक नगद, कृषि उपज या डिजिटल माध्यम से आसानी से किया जा सकता है लेकिन किसी भी स्थिति में मजदूरी की कुल राशि विहित दर से कम किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल लेने देने को बढ़ावा आवश्यक रूप से मिल पाएगा तथा पारदर्शिता सुनिश्चित भी की जाएगी न्यूनतम मजदूरी की प्रति घंटा दर भी दैनिक मजदूरी का 1/6 भाग से काम नहीं हो सकेगी.

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अब जिससे अल्पकालिक श्रमिकों के हित में भी रक्षा आवश्यक रूप से होगी सरकार ने या भी अब स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी श्रमिक को पहले से इस दर से अधिक मजदूरी मिल पा रही है तो वह जारी रहेगी तथा इसे यह न्यूनतम मानक माना ही जाएगा. सरकार का अब यह निर्णय से मजदूरी तय करना ही नहीं अपितु प्रदेश की श्रमिक की नीति में मूलभूत बदलाव का भी एकमात्र संकेत है. अब इस ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कर रहे लाखों श्रमिकों को सीधा लाभ आवश्यक रूप से मिल पाएगा तथा कृषि कार्यों में श्रम की गुणवत्ता और निरंतरता सुनिश्चित की जाएगी. सरकार का फैसला सबका साथ सबका विकास नीति का एक ही उदाहरण है जिसमें खेतीहर और मजदूर को आत्मनिर्भर तथा सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस प्रयास लगातार किया जा रहा है.

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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।