UP में अब नहीं छुपा सकेंगे संपत्ति का बैनामा! आधार-पैन वेरिफिकेशन के साथ नया सॉफ्टवेयर हुआ लागू
अब नहीं छुपेगा संपत्ति का बैनामा, यूपी में नया सॉफ्टवेयर लागू
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अब तक लोग किसी भी संपत्ति का बैनामा करते समय ऑनलाइन आवेदन में जानबूझकर अधूरा मोबाइल नंबर, पैन या आधार नंबर दर्ज कर देते थे, ताकि संपत्ति की जानकारी सरकार तक न पहुंच सके। लेकिन अब ऐसा करना मुमकिन नहीं होगा।अब निबंधन विभाग ने अपना सॉफ्टवेयर बदल दिया है और उसमें कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं। अब बैनामा करते समय सभी लोगों को अपना सही मोबाइल नंबर देना होगा। उस नंबर पर एक ओटीपी (OTP) आएगा, जिसे दर्ज किए बिना अगला कदम नहीं उठाया जा सकेगा।
अब पैन नंबर और आधार नंबर का भी ऑनलाइन सत्यापन होगा। अगर कोई गलत या अधूरी जानकारी देगा, तो सॉफ्टवेयर बैनामे का आवेदन आगे नहीं बढ़ने देगा। बैनामा रजिस्टर करने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी अब सिर्फ अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी के जरिए ही लॉगिन कर सकेंगे।
यह नया सॉफ्टवेयर गुरुवार को अपलोड किया गया, जिसकी वजह से उस दिन बैनामा रजिस्ट्रेशन का काम कुछ समय के लिए प्रभावित रहा। हालांकि दावा किया जा रहा है कि एक-दो दिन में सॉफ्टवेयर पूरी तरह काम करने लगेगा। दरअसल, अब तक कई बार खरीदार और विक्रेता जानबूझकर मोबाइल नंबर, पैन और आधार नंबर की गलत जानकारी देकर लेनदेन को छुपाने की कोशिश करते थे। लेकिन निबंधन विभाग ने अब इस गड़बड़ी को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
इस नए सिस्टम के लिए सॉफ्टवेयर में बड़े बदलाव किए गए हैं। आने वाले एक-दो दिनों में यह नया सॉफ्टवेयर पूरी तरह से काम करने लगेगा। इसके बाद किसी भी संपत्ति की खरीद-बिक्री की जानकारी सभी पक्षों के पैन और आधार कार्ड रिकॉर्ड में खुद-ब-खुद जुड़ जाएगी। जैसे इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपके बैंक खाते में मिले ब्याज की जानकारी अपने आप दिखती है, वैसे ही अब संपत्ति की खरीद-बिक्री भी खुद-ब-खुद दिखेगी। इसे छिपाना अब संभव नहीं होगा।
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गुरुवार को अपलोड हुआ नया सॉफ्टवेयर
गुरुवार को सभी उप निबंधक कार्यालयों में कंप्यूटर सिस्टम में नया सॉफ्टवेयर अपलोड किया गया, जिसकी वजह से कामकाज थोड़ी देर के लिए प्रभावित रहा। लेकिन दावा किया जा रहा है कि अगले एक-दो दिनों में यह नई व्यवस्था पूरी तरह शुरू हो जाएगी।
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क्या-क्या बदला गया है?
अब बैनामा रजिस्टर करने वाले अधिकारी और कर्मचारी पासवर्ड के साथ-साथ ओटीपी से ही लॉगिन कर सकेंगे। यह ओटीपी उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा। बैनामे के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय सभी पक्षकारों को सही मोबाइल नंबर देना होगा, जिस पर ओटीपी भेजा जाएगा। बिना ओटीपी डाले आगे नहीं बढ़ा जा सकेगा। सभी पक्षों के पैन नंबर का ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा।
कृषि भूमि के मामले में खसरा नंबर की यूनिक ID की पुष्टि भूलेख पोर्टल से होगी। गैर-कृषि भूमि के मामले में भी खसरा यूनिक ID दर्ज करनी होगी, जिससे बैनामे की जानकारी सीधे तहसीलदार के पास पहुंच जाएगी। जिन संपत्तियों पर रोक लगी है, उनका विवरण संबंधित उप निबंधक पोर्टल के मुखपृष्ठ पर डालेंगे। यह जानकारी आम लोगों के लिए भी उपलब्ध होगी।
पुराने बैनामों पर अगर नया बैनामा हुआ है, तो उसका विवरण भी अब ऑनलाइन दर्ज किया जा सकेगा। अदालत द्वारा रद्द किए गए बैनामों की जानकारी भी पोर्टल पर दर्ज होगी। स्थल निरीक्षण के लिए किन बैनामों का चयन करना है, यह फैसला अब खुद सॉफ्टवेयर करेगा और उसकी जानकारी AIG के लॉगिन पर भेज दी जाएगी।
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हर्ष शर्मा उत्तर प्रदेश में सक्रिय एक युवा डिजिटल पत्रकार हैं। उन्होंने Inkhabar, Expose India और Times Bull जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट राइटिंग और सोशल मीडिया मैनेजमेंट में काम किया है। SEO फ्रेंडली लेखन और डिजिटल न्यूज प्रोडक्शन में अनुभव रखते हैं। वर्तमान में भारतीय बस्ती में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।