चारबाग-बसंतकुंज मेट्रो कॉरिडोर को जल्द मिल सकती है मंजूरी
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मैट्रो कॉरिडोर को इस माह में मिल सकती है मंजूरी
यूपी के राजधानी लखनऊ में चारबाग से बसंत कुंज तक मेट्रो के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर का रास्ता साफ करने के लिए योजना बनाई गई है. पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की बैठक अगले हफ्ते दिल्ली में होना सुनिश्चित किया गया है. मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने जरूरी दस्तावेज भी पीआईबी को योजना बनाकर भेज दिया है. इस दौरान नए रूटो पर साहिल टेस्टिंग का 80 फ़ीसदी कम निपटाया जा चुका है. पीआईबी बैठक के बाद केंद्रीय कैबिनेट को हरी झंडी मिल चुकी है और यूपीएमआरसी में रोड का निर्माण करवाने के लिए चरणबद्ध है.
उत्तर प्रदेश लखनऊ मेट्रो कारपोरेशन के तहत दूसरे चरण में चारबाग से वसंत कुंज तक निर्माण कार्य करवाए जाना सुनिश्चित हुआ है इसका डीपीआर बनाकर शासन स्तर पर हरी झंडी मिल चुकी है नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने भी इस निर्माण कार्य के लिए विकास का झंडा फहरा दिया है. इस दौरान अब पब्लिक इन्वेस्टमेंट तथा केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी की औपचारिकताएं कुछ शेष रह गई हैं. यूपीएमआरसी के विभाग के अधिकारी ने एक जानकारी के मुताबिक बताया ग्राउंड वर्क के लिए 1.5 करोड़ का टेंडर पारित किया गया है इसमें यूटिलिटी डायवर्जेंन, साइल टेस्टिंग और एरियल सर्वे तीव्र गति से करवाई जाएगी. एरियल सर्वे से एक जांच के मुताबिक पता किया गया कि बीच-बीच में पानी की पाइपलाइन और सिविल लाइन बिजली के तार दौड़ाये गए हैं.
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मेट्रो कॉरिडोर परियोजना पूरा करने का लक्ष्य
इस परियोजना में राजधानी लखनऊ के पुराने शहर और क्षेत्र में यातायात की सुविधा बढ़ेगी और इस शहर में विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में मदद देगी. अब ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने के तत्पश्चात अनुमानित समय आज लगभग 6 साल बताया जा रहा है. इस दौरान यूपीएसआरसी 4 साल में ही पूरा करने की कवायत तय की गई है. जिस कारण पहले से ग्राउंड वर्क करवाया जा रहा है. इसमें आमतौर पर 6 से 10 महीने तक समय लग सकता है. अब इधर ग्राउंड वर्क पूरा होने पर पहले समय बचेगा और काम जल्दी करवाया जाएगा. इस कॉरिडोर की योजना को कुछ इस तरीके से प्रदर्शित किया गया है.
12 स्टेशन और 11.1 165 किलो लंबा रूट होगा और 5801 करोड़ रुपए लागत से इस प्रोजेक्ट को किया जाएगा तथा 11.165 किलो लंबा चारबाग से बसंत कुंज तक मेट्रो रूट पर रफ्तार लेगी. इसके तहत 4.286 किलोमीटर ट्रैक एलिवेटेड तरीके से बनाया जाएगा. उसके बाद 6.879 किलोमीटर का ट्रैक अंडरग्राउंड डिजिटल तरीके से निर्माण करवाया जाएगा. इस निर्माण कार्य के दौरान ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर में 12 स्टेशन बनाए जाएंगे. अब इस परियोजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल में अंतिम स्वीकृति प्रदान प्रधान की जाएगी और उसके बाद निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा. इसी दौरान उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने आवश्यक दस्तावेज धरातल पर प्रस्तुत किए हैं.