यूपी के इस शहर में 6 ब्लॉकों में 348 गाँव होंगे शामिल
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लखनऊ विकास प्राधिकरण का दायरा बढ़ा
यूपी के राजधानी लखनऊ में एलडीए 348 गांव को शामिल करेगा. प्राधिकरण का विकास क्षेत्र का दायरा 1028 वर्ग किलोमीटर बढ़कर 2807 वर्ग किलोमीटर किया गया है. यह पूरा कार्य योजना पूरा होने के बाद इन गांवों को प्राधिकरण की मंजूरी के बाद अपना घर बनवा सकते हैं. विभाग के अधिकारियों के सूत्रों के मुताबिक लखनऊ में इस विस्तार के बाद छह ब्लाकों के सभी गांव प्राधिकरण क्षेत्र में आएंगे. इस दौरान एक और राजधानी विकास की गति देगी. वहीं ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्थापित करने में लाभ पहुंचेगा.
लखनऊ विकास प्राधिकरण का कहना है कि यह विस्तार राजधानी लखनऊ के समावेशी एवं संतुलित विकास की दिशा में अहम कदम होगा. इस प्राधिकरण को न सिर्फ क्षेत्र में विकास की योजना बनेगी आप ही तो आप व्यवस्थित नगरीकरण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. लखनऊ प्राधिकरण को अब जल्द ही इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर शासन स्तर पर भेजने की तैयारी है इस दौरान जल्द से जल्द इस पर गहन अध्ययन किया जाएगा. अब लखनऊ विकास प्राधिकरण बाराबंकी जिले के कुछ आसपास के क्षेत्र में शामिल करेगा इस दौरान निंदूरा और देव तथा बाकि विकासखंड और नगर पालिका परिषद नवाबगंज को जोड़ने का प्रस्ताव बनाकर शासन स्तर पर भेजने की तैयारी था.
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मकान निर्माण के लिए प्राधिकरण की अनुमति आवश्यक
शहर का दायरा बढ़ाने के लिए निम्न वर्ग के उद्योगों को बढ़ावा दिया गया है. सरकार के सरकारी योजनाओं से जुड़े अब अभियान को गांव के अंतिम झोपड़ी तक चलाया जाएगा. अफसर ने बताया कि इससे राजधानी लखनऊ में रोजगार के लिए दूसरे जिले से आ रहे लोगों को घर और काम दोनों आसानी से प्राप्त हो जाएगी व्यापार के अवसर बढ़ा दिए जाएंगे. लखनऊ प्राधिकरण का धारा बढ़ने से लैंड बैंक में बड़ी संख्या में संपत्ति प्राप्त होगी इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में जो सरकारी जमीन पड़ी हुई है
उन पर अवैध कब्जे किए गए हैं उन्हें खाली करवा कर प्राधिकरण अपनी नई आवास योजना के तहत लायेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसर ने जानकारी देते हुए कहा जिस हिसाब से शहर में जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उसे हिसाब से लखनऊ विकास प्राधिकरण दायरा बढ़ाना बेहद आवश्यक है. प्राधिकरण का दायरा बढ़ने से गांव का विकास तेजी से किया जाएगा और इन गांवों को इसमें शामिल किया जाएगा. गांव में लगभग अनियोजित विकास लगातार हो रहे हैं इस दौरान निर्माण करने वाली सड़क और शिविर जैसे मूलभूत सुविधा छूट जाता है. प्राधिकरण में इन गांवों को शामिल होने से समुचित और नियोजित विकास की रहा तय करेगा सिविल लाइन सड़क सहित मूलभूत सुविधाओं का स्थानीय लोगों को लाभ मिल पाएगा.