यूपी के इन जिलों को बड़ी सौगात, जुड़ेंगे सबसे बड़े एक्स्प्रेस-वे से, देखें रूट
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उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों को जोड़ने के लिए सबसे बड़े एक्सप्रेस वे के निर्माण का ऐलान किया है. इस एक्सप्रेस वे का निर्माण प्रदेश में एक अहम बदलाव लेकर आएगा. जो न केवल इन जिलों के विकास को गति देगा. बल्कि पूरे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी सहायक होगा.
बलरामपुर श्रावस्ती सबसे बड़े एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा
यह एक्सप्रेस वे बलरामपुर और श्रावस्ती को जोड़ने के साथ.साथ आसपास के कई जिलों को भी मुख्य सड़क नेटवर्क से जोड़ने का काम करेगा. इसके माध्यम से इन दोनों जिलों के बीच यात्रा की समय सीमा काफी कम हो जाएगी. जिससे व्यापार, पर्यटन, और परिवहन में सुधार होगा. इसके साथ ही इससे उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. आने वाले दिनों में बलरामपुर और श्रावस्ती देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस एक्सप्रेस वे को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. उन्होंने सर्वेक्षण की जिम्मेदारी विभिन्न एजेंसियों को दी है. यह एक्सप्रेस वे बलरामपुर के लिए नई जीवनरेखा साबित होगी बल्कि सामरिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से भी इसका विकास होगा. एक्सप्रेस वे के बनने से बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
क्योंकि बेहतर सड़क मार्ग से व्यापारियों और उद्योगपतियों को अपने उत्पादों की ढुलाई में सुविधा होगी. कृषि उत्पादों की सुगम परिवहन व्यवस्था से किसानों को भी लाभ होगा. बलरामपुर और श्रावस्ती के बीच यात्रा में काफी समय की बचत होगी। जहां पहले इन दोनों जिलों के बीच सड़क मार्ग पर यात्रा में काफी समय लगता था. अब एक्सप्रेस वे के निर्माण से यह समय कम हो जाएगा. इससे न केवल नागरिकों को सहूलत होगी. बल्कि व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी. एनएचएआई ने पहले गोरखपुर से बलरामपुर, श्रावस्ती होते हुए शामली तक एक्सप्रेस वे निर्माण की संभावनाओं को तलाशा था. जिसका डीपीआर तैयार कराकर तेजी से काम भी शुरू हुआ. अब नए सिरे से नेशनल हाइवे आथारिटी ऑफ इंडिया ने इस एक्सप्रेस वे की दूरी और भी बढ़ाने का निर्णय लिया है. अब यह गोरखपुर से शामली तक बनाया जाएगा, जिसका रूट चार्ट तैयार किया जा रहा है. जानकारों की मानें तो इस एक्सप्रेस वे निर्माण से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी हो जाएगी. यह एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर करीब 750 किलोमीटर लम्बाई में बनेगा। यह यूपी का सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे होगा.
विकास और कनेक्टिविटी, यात्रा में समय की बचत
यह एक्सप्रेस वे गोरखपुर से पानीपत तक बनेगा, जिसकी लम्बाई 750 किलोमीटर लम्बी होगी. 22 जिलों को जोड़ने वाला एक्सप्रेस वे गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच व शामली होते हुए हरियाणा के पानीपत तक जाएगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिम से जोड़ने वाले इस नए एक्सप्रेस वे की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है. इसका निर्माण होने से जिले के लोग आसानी से धार्मिक नगरी हरिद्वार सहित अन्य जगहों की सुगम यात्रा कर सकेंगे. यूपी के 22 जिलों को इस एक्सप्रेस वे से जोड़ने की तैयारी है। इसमें प्रमुख रूप से गोरखपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदांयू, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, सम्भल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व शामली शामिल है. शामली से यह एक्सप्रेस वे पानीपत तक जाएगा. जानकार बताते हैं कि बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जैसे पिछड़े जिलों के लिए यह एक्सप्रेस वे किसी वरदान से कम नहीं होगा. इससे न सिर्फ यातायात सुगम होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र से निकलने वाला यह पहला एक्सप्रेस वे होगा जो कई पिछड़े जिलों को सुगम परिवहन सेवा से जोड़ेगा. जानकारी के अनुसार इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में जो लागत आएगी उसका भुगतान केन्द्र व प्रदेश सरकार मिलकर करेगी. एनएचएआई के परियोजना निदेशक ललित प्रताप पाल ने बताया कि एनएचएआई के अधिकारी रूट का सर्वे कर रहे हैं. इसे लिंक एक्सप्रेस वे से जोड़ने के साथ अन्य विव तलाश की जा रही है. उन्होंने बताया कि इससे पहले गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे बनने पर इसके कैम्पियरगंज और पीपीगंज के पास से प्रारम्भ करने की योजना थी. अब इसे गोरखपुर शहर के दक्षिण दिशा में बनाने की तैयारी है कि ताकि इसे सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे भी जोड़ा जा सके. बेहतर कनेक्टिविटी के साथ व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए माल की ढुलाई आसान हो जाएगी. जिससे व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. यह एक्सप्रेस वे इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास की संभावनाओं को भी बढ़ाएगा.