यूपी के सभी जिलों के लिए सरकार करेगी यह खास काम, खुलेंगे कार्यालय

उत्तर प्रदेश सरकार प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अब बेहद गंभीर रवैया अपना रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को स्पष्ट निर्देश दिए कि अब प्रदेश के हर जिले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) का कार्यालय खोला जाएगा, और प्रत्येक मंडल स्तर पर क्षेत्रीय दफ्तर भी स्थापित किए जाएंगे.
: प्रदेश में बढ़ते पर्यावरणीय खतरों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की समीक्षा बैठक में कई अहम फैसले लिए. फिलहाल राज्य के 75 जिलों में केवल 28 क्षेत्रीय कार्यालय काम कर रहे हैं, जिसे अब 18 प्रशासनिक मंडलों के आधार पर पुनर्गठित किया जाएगा. साथ ही, हर जनपद में बोर्ड की अलग इकाई होगी. जहां औद्योगिक गतिविधियां अधिक हैं, वहां एक से ज्यादा क्षेत्रीय कार्यालय भी खोले जाएंगे.
सीएम योगी ने प्रदूषण बोर्ड को नई दिशा देते हुए ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए अलग-अलग सेल गठित करने को कहा है. इसके अलावा, खतरनाक कचरे (हैजार्डस वेस्ट), ई-वेस्ट, और बायोमेडिकल वेस्ट के प्रबंधन के लिए भी विशेषज्ञ यूनिट्स बनाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि इनसे जुड़ी जनशिकायतों के निवारण और पर्यावरणीय शोध कार्यों के लिए अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ का निर्माण किया जाए.
तकनीक से मजबूत होगा बोर्ड, आएगी पारदर्शिता
सीएम ने आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि सूचना तकनीक (IT) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित विशेष इकाई बनाई जानी चाहिए. इसका उपयोग बोर्ड के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने में मदद करेगा. पर्यावरण जागरूकता को लेकर पब्लिकेशन और आउटरीच कार्यक्रम भी इसी यूनिट के माध्यम से संचालित किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने उद्योगों से जुड़े सीटीओ/सीटीई जैसी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाने के निर्देश दिए. अभी जहां इनकी प्रक्रिया लाल, नारंगी और हरी श्रेणियों के लिए क्रमशः 120 दिनों में होती है, वहीं अब इसे घटाकर 40, 25 और 10 दिन करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए एक मजबूत सिस्टम विकसित करने पर बल दिया गया है.
खाली पद जल्द भरे जाएंगे, IIT से आएंगे युवा विशेषज्ञ
सीएम योगी ने बोर्ड में लंबे समय से खाली पड़े पदों पर तेज़ी से भर्ती करने की बात कही. उन्होंने सुझाव दिया कि आईआईटी जैसे प्रमुख तकनीकी संस्थानों के होनहार युवाओं को आकर्षक वेतन पैकेज के साथ बोर्ड में शामिल किया जाए. यह बोर्ड की तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि अनापत्ति और सहमति प्रमाण पत्र के शुल्क ढांचे में पिछले 16 वर्षों से कोई बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने निर्देश दिया कि बोर्ड इस पर गहन विचार कर शुल्क दरों को यथासंभव यथार्थपरक और अद्यतन बनाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार पर्यावरणीय प्रबंधन के मोर्चे पर ठोस और व्यापक रणनीति अपनाती दिख रही है.