यूपी में नक्शा पास कराने को लेकर नया अपडेट, सिर्फ इस मानक का रखना होगा ध्यान

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उत्तर प्रदेश में अब भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस संबंध में कई नई नीतियाँ लागू की हैं. जिनका उद्देश्य निर्माण कार्यों को सरल और पारदर्शी बनाना है. अब भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने के दौरान उपविभाजन और निरीक्षण शुल्क जैसे अतिरिक्त शुल्कों को समाप्त कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने यह निर्णय लिया है.

यूपी में अब नहीं पास कराना होगा नक्शा

योगी सरकार ने डाटा सेंटर पार्कों में ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो देने का निर्णय लिया है. इससे पहले कुछ विकास प्राधिकरण इस नीति का पालन नहीं कर रहे थे. लेकिन अब सभी प्राधिकरणों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे इस नीति का पालन करें। इसके तहत डाटा सेंटर पार्कों में भवन निर्माण के लिए अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा. जिससे निवेशकों को सुविधा होगी. अब रिहायशी इलाकों में हो सकेगी कॉमर्शियल एक्टीविटी जहां तक मकान में दुकान और कॉमर्शियल एक्टिविटी की बात है तो विकास प्राधिकरण क्षेत्र के रेजिडेंशियल लैंडयूज में किसी तरह का व्यावसायिक निर्माण मान्य नहीं था. अब 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर कॉमर्शियल निर्माण रिहायशी में भी किया जा सकेगा.

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इसके अलावा इससे कम चौड़ी सड़क पर जो भी प्रोफेशनल लोग हैं, जैसे वकील, डॉक्टर, आर्किटेक्ट वे अपने कार्यालय और क्लीनिक खोल सकेंगे. पहले क्या थी व्यवस्था पहले प्राधिकरण और आवास विकास क्षेत्र में प्रत्येक भूखंड पर भवन बनाने के लिए नक्शा पास करना जरूरी होता था. अब सौ स्क्वायर मीटर तक तो नक्शा पास नहीं करना होगा. जबकि 500 स्क्वायर मीटर में अब नक्शा पास करने की आवश्यकता नहीं होगी, केवल आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर अनुमोदित करना होगा. जितनी ऊंची चाहें उतनी ऊंची इमारत बना सकेंगे रू 24 मीटर चौड़ी सड़क पर आवास में खुल सकेंगी दुकान और दफ्तर. वहीं फ्लोर एरिया रेशियो 3 गुना तक बढ़ाया गया है. 45 मीटर चौड़ी सड़क पर जितनी ऊंची चाहें उतनी ऊंची इमारत बना सकेंगे.

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इस मानक का करना होगा पालन

छोटे प्लॉट पर बन सकेंगे अपार्टमेंट अब तक अपार्टमेंट बनाने के लिए 2000 वर्गमीटर क्षेत्रफल के प्लॉट की जरूरत होती थी, लेकिन अब महज 1000 वर्गमीटर के प्लॉट पर भी इसकी मंजूरी मिल जाएगी. इसके साथ ही हॉस्पिटल और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए 3000 वर्गमीटर का प्लॉट पर्याप्त होगा. यूपी में भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को मंजूरी दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है. घर का नक्शा पास करने में जो शोषण होता है और उसके बाद में जिस तरह धन उगाही होती है, उसको रोकने के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है. इसके अलावा मानचित्र पास करने के लिए हर विभाग को एनओसी देने की समय सीमा तय कर दी गई. अलग-अलग विभागों के लिए 7 से 15 दिन की समय सीमा तय कर दी है. इसके बाद संबंधित विभाग का स्वत एनओसी मान लिया जाएगा. बिल्डिंग बायलॉज के तहत अब मकान में 25ः हिस्से में नर्सरी, क्रैंच या होम स्टे चलाना चाहते हैं या आर्किटेक्ट, चार्टड अकाउंटेंट, डॉक्टर और वकील समेत प्रोफेशनल्स अपना काम करना चाहते हैं,

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तो इसके लिए मानचित्र में अलग से जिक्र करने की जरूरत नहीं है. इसे मान्य कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश के नए बिल्डिंग बायलॉज में इन सारी परेशानियों को समाप्त कर दिया गया है. आवास विभाग के प्रमुख सचिव पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि नक्शा पास कराने के नियमों में बदवा किया गया है. 1000 वर्गफीट तक घर बनाने वालों को राहतः उत्तर प्रदेश में अब 1000 वर्गफीट तक प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं है. जबकि 5000 वर्गफीट तक आर्किटेक्ट का सर्टीफिकेट ही काफी होगा. उत्तर प्रदेश आवास भवन निर्माण एवं विकास उपविधि (बायलॉज) 2008 में बदलाव को मंजूरी दी गई है. इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिल जाएगी. उत्तर प्रदेश आवास विभाग की वेबसाइट पर लगभग ढाई सौ पन्ने की भवन उपविधि अपलोड की गई है. इस नई व्यवस्था से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

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