NHAI को सौंपा मऊ और सठियांव मार्ग फोर‑लेन प्रोजेक्ट, इस एक्सप्रेस-वे को जोड़ता है यह मार्ग

यूपी में कई राज्यों में आर्थिक कनेक्टिविटी, स्थानीय व्यापार को बढ़ावा, यातायात में सुधार, पर्यटन का विस्तार तथा ग्रामीण स्तर पर पहुंच में वृद्धि जैसी व्यापक लाभ देखने को लोगों को मिलेगा. जिसमें किसी विशेष राज्य में चल रही किसी सड़क और एक्सप्रेसवे योजना की गहराई में निर्माण चरण और पर्यावरण को व्यापक सुधार तीव्र गति से लगातार किया जा रहा है.
राज्य स्तरिका सड़क परियोजना
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में लोगों के लिए राहत की खबर अब सामने आ चुकी है जिसमें बताया गया है कि मऊ और साठियांव अब भारतीय राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण को सौंप दिया गया है जिसमें यात्रियों को जहां सहूलियत मिलेगी अब वही मार्ग का सुदृढ़ीकरण भी व्यापक स्तर पर किया जाएगा. जिसके लिए लोक निर्माण विभाग के टीम और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच पत्राचार प्रारंभ हो चुका है. आज लोक निर्माण विभाग के टीम में जिले की दूसरी सबसे लंबी सड़क को भारतीय राष्ट्रीय राज्य मार्ग के प्राधिकरण को सौंपने का कार्य कर रही है.
इससे पहले बलिया और फेफना तक करीब करीब 55 किलोमीटर तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौपा गया था लेकिन अब इसकी पहचान के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से एनएच 28B नाम देकर नामकरण किया गया है. अब फोर लेन निर्माण के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए हरी झंडी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को मुख्यालय को प्राप्त हो चुकी है अब इसकी अनुमति मिलने के बाद ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने वाली कंपनी का चयन प्रावधान जल्द से जल्द आरंभ किया जाएगा.
प्रदेश स्तर पर बड़े-बड़े नेटवर्क का विस्तार
ऐसे निर्माण कार्य के दौरान गाजियाबाद तिराहा से आजमगढ़ बॉर्डर के सठियांव तक कुल करीब करीब 31 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य और रखरखाव लोक निर्माण विभाग की टीम का प्रांतीय खंड करता था लेकिन इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण लोक निर्माण विभाग की टीम के अधिकारियों को पत्र लिखकर सौंपने के बाद अपील किया है लेकिन अपील करने के लिए लोक निर्माण विभाग की टीम ने भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र भेज दिया है.
-(1).png)
जिसमें एकमात्र मुख्यालय और पूर्वांचल एक्सप्रेस को कनेक्ट करने वाला रास्ता होने से वाहन का दबाव काफी ज्यादा कम हो जाएगा. जिसमें प्रतिदिन लोगों को जाम में फंसने और अत्यधिक ईंधन जलने से लोगों को आर्थिक और समय दोनों के नुकसान होने का जोखिम झेलना पड़ता था. अब लोक निर्माण विभाग के टीम ने फोरलेन में तब्दील करने का फैसला लिया है अब इसके बाद अधिकांश इलाकों पर जाम की समस्या पहले की अपेक्षा बरकरार भी रहेगी लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के बाद सड़क का रखरखाव तेज रफ्तार में हो जाएगा अब इससे लोगों को बेहतर सुविधा मिल पाएगी तथा जाम के साथ-साथ ही दूसरी अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिल पाने में आसानी होगी.