यूपी के इस जिले में कल आएंगे सीएम योगी

यूपी में राज्य सरकार की अगुवाई में स्थानीय स्तर पर हजारों पौधे स्थापित किए जाएंगे इसमें गांव के कुछ छात्र और छात्राएं मिलकर पौधारोपण का कार्य किया जाएगा इस दौरान पानी संरक्षण, मिट्टी अपरदन में कमी और जीव जंतुओं के आवास में सुधार जैसी लाभदायक नीतियां पूरे राज्य में लॉन्च की जाएगी. जिसमें शहर और गांव के इलाकों में लाखों लोगों की सक्रिय भागीदारी से पर्यावरण आंदोलन जन आंदोलन का रूप व्यापक स्तर पर लेगा.
जानिए क्या है अभियान की रूपरेखा
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी 9 जुलाई को यानी कल किसी भी वक्त पधार सकते हैं जिसमें साठियांव इलाके में केरमा गांव के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे किनारे बृहद पौधारोपण अभियान में मुख्यमंत्री शामिल होंगे. जिसमें आसपास ही मुख्यमंत्री की जनसभा मंच लगाया जा सकता है. सीएम के आगमन पर जानकारी मिलने के बाद दिन शनिवार को जिलाधिकारी और एसपी मौके पर पहुंचे हैं और कार्यक्रम स्थल का पूर्ण रूप से जायजा ले रहे हैं.

इस दौरान मुबारकपुर थाना क्षेत्र के केरमा गांव में प्रदेश के मुखिया का भी आगमन हो सकता है इसकी तैयारी अभी से तीव्र गति से की जा रही है मुख्यमंत्री कार्यालय से सूचना मिलने के बाद ही जिला अधिकारी रविंद्र कुमार और एसएसपी हेमराज मीणा केरमा गांव पहुंचेंगे. जिलाधिकारी ने हेलीपैड और कार्यक्रम स्थल के लिए जमीन का सर्वे लगातार कर रहे हैं उनके साथ-साथ कई प्रकार के विभाग के अधिकारी भी मौजूद और तैनात हैं. आगामी 9 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एकदिवसीय मील का पत्थर रहेगा. जिसमें कई हजार पौधे लगाए जाएंगे.
पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पास यूपीडा की करीब करीब 17 हेक्टेयर की जमीन खाली पड़ी हुई है आगामी 9 जुलाई को वृहद पौधारोपण अभियान के अंतर्गत इस जमीन में 12000 पौधे स्थापित किए जाएंगे. सीएम पौधारोपण करने के बाद जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं उनके आगमन पर प्रशासन पूरी तरह से तैयारी में जुड़ चुका हुआ है शनिवार के दिन जिलाधिकारी और एसपी के अलावा भी अन्य अधिकारियों का सीएम के कार्यक्रम को लेकर व्यवस्था का जायजा लिया जाएगा. इस दौरान प्रदेश में वन महोत्सव का भी अभियान महज वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है.
अपितु यह सामुदायिक हरियाली आंदोलन बन चुका है इसमें सरकार, सामाजिक संगठन, नागरिक सब मिलकर पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वन के विस्तार और सतत विकास हेतु व्यापक स्तर से कार्य किया जा रहा है. इस दौरान ट्री गार्ड और समुदाय आधारित निगरानी के माध्यम से पौधे की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी सरकारी अधिकारियों के साथ न्यायालय स्कूल और बैंक भी जुड़ेंगे. इसमें नदी के किनारे पर वृक्षारोपण से भूमि संरक्षित होगी भू-क्षरण रूकेगा और जलस्तर पुनर्भरण में मदद भी मिल पाएगी. मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे वन महोत्सव 2025 का प्रारंभ 1 जुलाई को हुई और यह पूरे सप्ताह 9 जुलाई तक चलेगा.