बदलेंगे UP के हजारों स्कूल! हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर लगाई मुहर

बदलेंगे UP के हजारों स्कूल! हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर लगाई मुहर
बदलेंगे UP के हजारों स्कूल! हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर लगाई मुहर

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यूपी के छोटे सरकारी स्कूलों को मिलाकर एक बड़े स्कूल में परिवर्तित करने की योजना को लेकर विवाद तेज हो गया है.

पिछले कुछ समय से शिक्षा विभाग की तरफ से यह कहा जा रहा था कि कई सरकारी स्कूलों में छात्र नहीं हैं या बहुत कम हैं. ऐसे में शिक्षकों और संसाधनों का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. सरकार ने निश्चित किया कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को आसपास के बड़े स्कूलों में मिला दिया जाएगा.

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इस निर्णय पर कई संगठनों ने उठाए सवाल 

बच्चों के अभिभावकों और शिक्षा से जुड़े लोगों का कहना है कि छोटे बच्चों को अब दूर-दूर के स्कूलों में भेजना पड़ेगा. इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी व अभिभावकों की भी परेशानी बढ़ेगी. कुछ शिक्षकों का कहना है कि इस कदम से हजारों प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया है और पुरानी समस्याओं का हल अभी तक नहीं हुआ.

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उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि वे इस फैसले का विरोध करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने इस विषय पर कहा कि बीएसए कार्यालयों पर धरना होगा और 10 मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा. वहीं संघ के उपाध्यक्ष आर.पी. मिश्रा ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों का ऐसा विलय शिक्षा के लिए नुकसानदायक है.

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आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी इस मुद्दे को उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “क्या यही है शिक्षा का अधिकार?” और कहा कि उनकी पार्टी यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगी.

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हाईकोर्ट का फैसला

सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्कूल विलय के खिलाफ दायर दोनों याचिकाएं खारिज कर दीं. यह याचिकाएं सीतापुर के 51 छात्रों और अन्य याचियों की तरफ से दाखिल की गई थीं, जिन्होंने सरकार के 16 जून 2024 के आदेश को चुनौती दी थी.

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Uttar Pradesh News (21)
इलाहाबाद हाईकोर्ट

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह आदेश “शिक्षा का अधिकार कानून” का उल्लंघन करता है, लेकिन न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सरकार के फैसले को सही ठहराया.

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सरकार ने कोर्ट में इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि कुछ स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है, इसलिए उन्हें पास के स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है जिससे शिक्षकों और संसाधनों का सही उपयोग किया जा सके. कोर्ट ने सरकार के इस पक्ष को सही मानते हुए कहा कि यह कदम बच्चों के हित में है व इस निर्णय से उनके भविष्य में लाभ होगा.

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