यूपी के इस जिले में जमीन होगी महंगी, जाने कितना बढ़ेगा सर्किल रेट

यूपी के इस जिले में जमीन होगी महंगी, जाने कितना बढ़ेगा सर्किल रेट
यूपी के इस जिले में जमीन होगी महंगी, जाने कितना बढ़ेगा सर्किल रेट

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित बरेली में अब जमीन खरीदने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा. जिला प्रशासन ने जमीन के सर्किल रेट व सरकारी तय दरों को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार, इस बार रेट में करीब 20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. पिछले कई वर्षों से ज़मीन की कीमतें बढ़ रही थीं, परंतु सर्किल रेट में परिवर्तन नहीं हुआ था. अब इसे नए सिरे से तय किया जा रहा है और इसकी प्रक्रिया को लेकर समय-सीमा भी निश्चित कर दी गई है.

जमीनों की जांच शुरू

बीते शुक्रवार को एडीएम (राजस्व और वित्त) संतोष कुमार सिंह की अध्यक्षता में इस विषय पर महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में उप निबंधकों और पंजीकरण विभाग के एआईजी तेज सिंह यादव भी शामिल हुए. बैठक में निश्चित किया गया कि आबादी क्षेत्र के 200 मीटर के अंदर आने वाली जमीनों की जांच कर रिपोर्ट बनाई जाएगी. इसके लिए सभी तहसीलों से जानकारी मांगी गई है. हालांकि, फिलहाल सभी रिपोर्टें प्राप्त नहीं हुई हैं.

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एडीएम ने कहा कि अब 6 मीटर से लेकर 12 मीटर और उससे चौड़ी सड़कों के किनारे की जमीनों का सर्किल रेट में बढ़ोतरी की जाएगी. ऐसे क्षेत्र जहां विकास हो चुका है या हो रहा है, वहां की जमीनों को भी इस दायरे में लाया जाएगा. शहरीकरण वाले क्षेत्रों में जमीन खरीदने वालों को पहले से अधिक पैसा चुकाना होगा.

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1 अगस्त से लागू होंगे नए रेट

15 जुलाई को संशोधित सर्किल रेट का प्रस्ताव पेश किया जाएगा. 16 जुलाई को इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी और फिर 22 जुलाई तक आम जनता से सुझाव व आपत्तियाँ मांगी जाएंगी. इन सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद, 1 अगस्त 2025 से पूरे जिले में नए सर्किल रेट लागू हो जाएंगे.

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BDA की कार्यशैली पर उठा सवाल

बैठक के दौरान उप निबंधकों ने यह चिंता जताई कि जून महीने में स्टांप शुल्क से होने वाली आय में गिरावट आई है, विशेष कर सदर तहसील में. शहरी क्षेत्रों में स्टांप शुल्क से 80% और ग्रामीण क्षेत्रों में 20% आय का लक्ष्य था, जो पूरा नहीं हो पाया. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि इसकी एक बड़ी वजह बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) की नीति है. बीडीए निजी जमीनों के नक्शे पास नहीं कर रहा है, जिससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया रुक रही है. बीडीए खुद अपने प्लॉट बेचने में अधिक रुचि दिखा रहा है, और इसी कारण आम लोगों को परेशानी हो रही है.

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