यूपी में भवन निर्माण को लेकर लागू हुए नए नियम, देखें नियम की लिस्ट

यूपी में भवन निर्माण को लेकर लागू हुए नए नियम, देखें नियम की लिस्ट
Uttar Pradesh News

यूपी में राज्य सरकार ने नई भवन निर्माण कानून के माध्यम से दो से चार भूखंड को मिलाकर मकान और परिसर बनाने से जुड़ा हुआ ताजा मामला सामने आ रहा है. जिसका उद्देश्य भवन निर्माण और विकास उपविधि के छोटे भूखंड पर नक्शा पास की प्रक्रिया अब खत्म हो जाएगी. मल्टी स्टोरी इमारत को अनुमति तथा रजिस्ट्रेशन और एनओसी प्रक्रिया को तेज तथा किफायती बनाया जाएगा.

नया भवन निर्माण उपविधि योजना, जाने पूरा डिटेल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महत्वपूर्ण खबर सामने आ रहा है जिसमें बताया गया है कि अब आसपास के चार भूखंड को मिलाकर निर्माण कार्य करवाया जा सकेगा जिसमें सभी आवासीय भूखंड न्यूनतम 9 मीटर चौड़ी रोड पर अनिवार्य है अगर 12 मीटर चौड़ी सड़क है तो गैर आवासीय भूखंड का आमेलन भी किया जा सकेगा इसी तरह न्यूनतम 200 वर्ग मीटर के भूखंड को दो हिस्से में विभाजित किया जाएगा. भूखंड स्वामी का आमलेन और उप विभाजन का विकास प्राधिकरण से अनुमति लेने के बाद शुल्क देना होगा.

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गरीब और निम्न आय वर्ग के लिए बनाए जाने वाले ईडब्ल्यूएस-एलआईजी और अफोर्डेबल आवासीय योजना के भूखंड को आपस में मिलाकर निर्माण करने पर रोक रहेगी. आज के समय में शहरी क्षेत्र में व्यापक स्तर पर अवैध निर्माण पर रोक लगाने के साथ-साथ शहर वासियों को आवासीय से लेकर अन्य भवन के निर्माण में कई प्रकार की राहत देने के लिए राज्य सरकार ने व्यवहारिक कदमों पर चलते हुए और ध्यान में रखते हुए भवन निर्माण और विकास उपविधि 2025 को प्रदेश में लागू करवा दिया जाएगा.

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2 से 4 भूखंड मिलकर बना सकेंगे मकान

इस नए कानून को लेकर अब नए सिरे से तैयार की गई उपविधि में पहली बार प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित और विकसित लेआउट के न्यूनतम 9 मी रोड पर स्थित आवासीय भूखंड के आमेलन और उप विभाजन को अनुमन्य किया जा रहा है जिसमें आसपास के अधिकतम कर भूखंड को ही आपस में मिलाकर निर्माण कार्य करवाया जा सकेगा आमेलित भूखंड का उपयोग मूल भूखंड के अनुरूप ही होगा जिन भूखंड का निर्माण हो गया है उनके आमेलन के मामले में संशोधित मानचित्र पास करवाना अनिवार्य है आमेलन के लिए विकासशील के साथ-साथ ही अमेलित भूखंड के मूल्य मैं एक प्रतिशत के दर से आमलेन स्वर्ग विकास प्राधिकरण को देना उचित होगा.

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जिसमें 200 वर्ग मीटर और उससे बड़ा भूखंड न्यूनतम 9 मी पार्क के सामने 7.5 मीटर चौड़ी रोड पर है तो उसका उप विभाजन भी किया जाएगा उप विभाजन के तत्पश्चात भूखंड का न्यूनतम क्षेत्रफल अनिवार्य रूप से 100 वर्ग मीटर रखना होगा उप विभाजित भूंखंड का उपयोग मूल भूखंड के अनुसार ही किया जाएगा. मूल भूखंड के भू आच्छादन, एफएआर और सेटबैक के पविधान प्रत्येक उप विभाजित भूखंड पर ही लागू हो पाएगा. उप विभाजन के लिए ते विकास शुल्क के साथ-साथ ही अविभाजित मूल्य भूखंड मूल्य के एक प्रतिशत की दर से उप विभाजन शुल्क देना पड़ेगा.

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