यूपी के इन 2 जिलों के लिए योगी सरकार करेगी यह बड़ा काम, जिलधिकारी को मिले निर्देश
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लखनऊ और वाराणसी में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन शहरों में ट्रैफिक प्रबंधन को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है. सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि लखनऊ और वाराणसी के बीच बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए इन शहरों में मल्टीलेवल पार्किंग. टैक्सी.ऑटो स्टैंड और स्ट्रीट वेंडर ज़ोन जैसे उपायों को महायोजना में शामिल किया जाए.
जाम से निबटने को बड़ा कदम उठाने जा रही योगी सरकार
लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा को पूरे लखनऊ जिले तक विस्तारित किया जाए. जिससे सुनियोजित और सुस्थिर विकास की गति मिलेगी. वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोप.वे परियोजना की घोषणा की है. जो कैंट रेलवे स्टेशन और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बीच की दूरी को कुछ मिनटों में तय करने में मदद करेगा. इससे गोदौलिया क्षेत्र में यातायात दबाव कम होगा और पर्यटकों के लिए यात्रा सुगम होगी. इस परियोजना की लागत लगभग 644 करोड़ रुपये है और इसे दो वर्षों में पूरा करने की योजना है. यूपी की राजधानी लखनऊ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जाम से लोगों को निजात के लिए योगी सरकार बढ़ा कदम उठाने जा रही है.
दोनों शहरों में जाम का बड़ा कारण सड़कों की हालत को भी माना जाता है। ऐसे में इन दोनों शहरों की 100 से अधिक सड़कों को बनाने की योजना तैयार की गई है. इनका निर्माण इसी वित्तीय वर्ष यानी 2025-26 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत किया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से लखनऊ और वाराणसी के जिलाधिकारियों को इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए पत्र भेज दिया गया है. योजना का मकसद है शहरों में ट्रैफिक की परेशानी कम करना और जनता को बेहतर सड़कों की सुविधाएं देना है. लखनऊ के बक्शी का तालाब, मलिहाबाद, सरोजनीनगर और वाराणसी के पिंडरा, नारायणपुर, सारनाथ समेत कई क्षेत्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके अलावा वाराणसी में विकास खंड पिंडरा, नारायणपुर, सारनाथ, सरसौली वार्ड समेत विभन्नि क्षेत्रों में नर्मािण कार्य किए जाएंगे. जिससे लोगों को बड़ी सहूलियत मिलेगी.
लखनऊ और वाराणसी, दोनों डीएम को पत्र
इन कार्यों के लिए नियमानुसार मंजूरी और प्रक्रिया का पालन अनिवार्य रहेगा. इंटरलॉकिंग, सीसी रोड और नालियों के निर्माण के साथ ही आधुनिक निर्माण तकनीक के साथ सड़कें और जलनिकासी प्रणाली बनाई जाएंगी. इसके लिए त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत धनराशि की व्यवस्था की जा रही है. ये सभी नर्मािण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएंगे. इस योजना के अंतर्गत सीसी रोड, इंटरलॉकिंग और नालियों का निर्माण बड़े पैमाने पर कराया जाएगा. इन कार्यों के लिए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को कार्यदायी संस्था के रूप में नियुक्त किया गया है. निर्माण कार्यों की शुरुआत पर्यावरणीय मंजूरी और सभी आवश्यक वैधानिक स्वीकृतियां मिलने के बाद शुरू हो जाएगी.
अधिकृत जानकारी के अनुसार लखनऊ और वाराणसी की कुल 100 से अधिक सड़कें बनाई जाएंगी. इन योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार लखनऊ और वाराणसी में यातायात प्रबंधन को सुधारने के साथ.साथ इन शहरों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है. वाराणसी में 400 करोड़ रुपये की लागत से नया राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा. जिससे शहर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा. साथ ही वाराणसी को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है. जिससे ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबन बढ़ेगा.