11.5 किलोमीटर लंबे बाईपास को मंजूरी, खर्च होंगे 19 करोड़ रुपए
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देश में सड़कों का जाल, विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
सड़कों का देश में एक अहम स्थान है, क्योंकि यह परिवहन के सबसे सस्ते और सहज साधनों में से एक है. सड़कों के माध्यम से सामान और लोगों का परिवहन होता है, जिससे हर क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियाँ संचालित होती हैं। यह व्यापार, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनिवार्य है शहर के बाहर बनने वाला बाईपास न सिर्फ आवागमन की सुविधा देगा, बल्कि विकास को भी पंख लगेंगे. बाईपास के दोनों किनारों पर दुकानें खोलकर लोग व्यवसाय कर सकेंगे. क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही शहर का भी विस्तार हो जाएगा. लोग उन्नति व प्रगति के पथ पर अग्रसर होंगे. बलरामपुर हाईवे से बिना गोंडा शहर में प्रवेश किए उतरौला और अयोध्या मार्ग को जोड़ने वाले साढ़े 11 किमी लंबे बाईपास के निर्माण को मंजूरी मिल गई है.
चुनौतियाँ और समाधान
यह परियोजना भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की गुणवत्ता को सुधारने और उनका विस्तार करने के लिए शुरू की गई थी. इसके अंतर्गत प्रमुख शहरों और गांवों के बीच अच्छे और चौड़े मार्ग बनाने की योजना है. लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता योगेंद्र सिंह का कहना है कि शासन ने बाईपास निर्माण के लिए धनराशि जारी कर दी है। अब निविदा की प्रक्रिया होनी है. जल्द ही बाईपास बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. निर्माण खंड दो के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए गए हैं. शहर में बाईपास की जरूरतों को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने काफी प्रयास किया. तमाम लिखापढ़ी के बाद शासन ने बाईपास निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की है. शासन के संयुक्त सचिव राजेश प्रताप सिंह ने इसके लिए प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजा है, जिसमें 11.600 किलोमीटर लंबे बाईपास निर्माण की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का जिक्र है.
गोंडा-बलरामपुर हाईवे से पंडरी कृपाल गांव के पास से बाईपास शुरू होगा और गोंडा-उतरौला मार्ग होते हुए गोंडा-अयोध्या मार्ग से पराग डेयरी के आगे उम्मेदजोत के पास जुड़ जाएगा. बाईपास बन जाने से लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा. शक्तिपीठ देवीपाटन और अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन-पूजन के लिए जाने वालों को आवागमन में सुविधा मिलेगी. गोंडा-बलरामपुर मार्ग से पंडरीकृपाल, कंधरातेजी, तुर्काडीहा, तुरकौलिया, धनौली, सोनी हरलाल, मझवा, बहलोलपुर, उम्मेदजोत गांवों से होकर बाईपास बनाया जाएगा. यह योजना ग्रामीण इलाकों में सड़कें बनाने के लिए शुरू की गई थी. ताकि ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके और उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाया जा सके.