यूपी के इस जिले में मुख्यमंत्री योगी ने सैकड़ों परियोजना का किया लोकार्पण
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बरेली पहुंचे सीएम योगी, परियोजनाओं का लोकार्पण
किसी भी विकासात्मक परियोजना का शिलान्यास और लोकार्पण समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव लाने का अवसर प्रदान करते हैं. चाहे वह बुनियादी ढांचे के निर्माण से संबंधित हो, जैसे कि सड़कें, पुल, अस्पताल, या फिर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से जुड़ी परियोजनाएँ. इनसे लोगों के जीवन स्तर में सुधार आता है और समग्र विकास की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. विकास परियोजनाएँ आर्थिक प्रगति के बड़े संकेत होती हैं. जब बड़े बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास होता है. तो यह न केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देता है. बल्कि इससे उद्योगों का विकास भी होता है. इसके अलावा व्यापार, परिवहन, और संचार सेवाओं में सुधार से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है.
नई एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना
सीएम ने 100 नई एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि इंसेफ्लाइटिस, डेंगू, मलेरिया, कालाजार और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए यह अभियान शुरू किया गया है. योगी ने इसे नाथ नगरी से शुरू करने की बात कहते हुए विश्वास जताया कि यह प्रयास कभी विफल नहीं होगा. बरेली समेत 18 जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए 100 नई एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई गई. इस दौरान लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, टूलकिट और आर्थिक सहायता के चेक भी वितरित किए गए. मुख्यमंत्री ने बरेली से ही ‘स्कूल चलो अभियान’ और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि 2017 से पहले बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की हालत बेहद खराब थी. कई स्कूल बंद होने की कगार पर थे,
जहां न टॉयलेट थे, न पीने का पानी, न फर्नीचर और न ही फर्श थे. स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. योगी ने कहा कि उस समय 1.34 करोड़ बच्चों ने नामांकन कराया था, लेकिन 60 फीसदी बच्चे स्कूल नहीं आते थे. आज 1.91 करोड़ छात्रों के खाते में 1200 रुपये भेजे जा रहे हैं और दो यूनिफॉर्म के साथ पूरा ड्रेस सरकार की ओर से अनिवार्य रूप से दिया जा रहा है. योगी ने कहा कि शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर करने के लिए 1 लाख 25 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई है. अब गांव-गांव में स्कूलों को इंटीग्रेटेड स्कूल कॉम्प्लैक्स के रूप में विकसित किया जाएगा. प्रदेश में 16 अटल आवासीय स्कूल शुरू किए गए हैं, जो श्रमिकों के बच्चों के लिए मॉडल स्कूल के रूप में काम करेंगे. हर जिले में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय खोले जाएंगे.