UPSRTC हुआ प्राइवेट! निजी हाथों में स्टेशन और बस कारखाना
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निजी हाथों में बस स्टेशन और वर्कशॉप
निजी हाथों में बस स्टेशन का मतलब है कि निजी कंपनियाँ या व्यवसाय इस प्रकार के स्टेशनों का निर्माण और संचालन करती हैं. इन स्टेशनों का उद्देश्य यात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करना होता है. ये निजी बस स्टेशन सरकार द्वारा नियंत्रित सार्वजनिक स्टेशनों से अलग होते हैं और इनका संचालन स्वायत्त रूप से होता है उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अमरनाथ सहाय का कहना है कि अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए डिपो इंचार्ज की नियुक्ति की गई है. विधि अधिकारी भी भर्ती किए गए हैं. साक्षात्कार के आधार पर इनका चयन हुआ है. परिणाम घोषित कर दिया गया है. इन अधिकारियों के आने से सुचारू ढंग से व्यवस्थाएं संचालित हो सकेंगी. सड़क परिवहन निगम में धीरे-धीरे निजीकरण बढ़ रहा है. ड्राइवर-कंडक्टर अब निजी फर्मों से भर्ती किए जा रहे हैं.
19 कार्यशालाओं को भी किया निजी फर्मों के हवाले
19 कार्यशालाओं को भी किया निजी फर्मों के हवाले रू इससे पहले उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन ने अपनी 19 कार्यशालाओं को भी निजी फर्म के हवाले कर दिया था. इनमें मेरठ का सोहराब गेट डिपो, सहारनपुर क्षेत्र का छुटमलपुर डिपो, अलीगढ़ क्षेत्र का एटा डिपो, कानपुर क्षेत्र का विकास नगर डिपो, नजीराबाद डिपो, हरदोई डिपो, अवध डिपो, जीरो रोड डिपो, ताज डिपो, साहिबाबाद डिपो, बदायूं डिपो, इटावा डिपो, झांसी डिपो, कैंट डिपो, बांदा डिपो और बलरामपुर डिपो. सड़क परिवहन निगम में दिन-प्रतिदिन अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या कम होती जा रही है. ऐसे में डिपो और बस स्टेशन का संचालन भी मुश्किल होने लगा है.
बसों के संचालन के लिए चालकों की कमी है तो वर्कशॉप और बस स्टेशन पर अधिकारियों की कमी से परिवहन निगम जूझ रहा है. सीधे पदों पर भर्ती बीते कई साल से बंद है. ऐसे में निगम प्रशासन के सामने बाहरी स्रोत से अधिकारियों और कर्मचारियों की भर्ती का रास्ता बचा है. अब इसी रास्ते पर परिवहन निगम तेजी से आगे बढ़ भी रहा है. दो दिन पहले ही परिवहन निगम प्रशासन की तरफ से एक निजी फर्म से साक्षात्कार के जरिए 68 डिपो इंचार्ज की नियुक्ति की गई. वहीं छह विधि अधिकारी भी रखे गए हैं. कुल मिलाकर 68 डिपो इचांर्ज की बाह्य स्रोत से भर्ती हुई है. इनमें 26 जनरल कैटेगरी, 16 ओबीसी, 12 अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जनजाति और और तीन ईडब्ल्यूएस कोटे से हैं. इसके अलावा विधि अधिकारी भी आउटसोर्स ही रखे गए हैं. इनकी संख्या छह है।