बाराबंकी की कृष्णप्रिया ने नेपाल में लहराया भारत का परचम, ताइक्वांडो में जीते गोल्ड-सिल्वर

बाराबंकी की कृष्णप्रिया ने नेपाल में लहराया भारत का परचम, ताइक्वांडो में जीते गोल्ड-सिल्वर
Uttar Pradesh News

यूपी में बेटियां सचमुच हर क्षेत्र में परचम लहराने के लिए अग्रसर है जिसमें चाहे शिक्षा हो, खेलकूद, सुरक्षा बलों में चमक विभिन्न राज्यों और राष्ट्रीय स्तर पर सामने आ रही है. आज यूपी की बेटियां बंदिशें को तोड़कर सफलता के आकाश में उड़ान भर रही है. आज बेटियों ने भी कहा है दुनिया में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा रही हैं. 

बेटियों को मिल रही ऐतिहासिक उपलब्धि

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में न केवल खुद को बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित महसूस करवाया है. यह नारा प्रेरणादायक नहीं है अपितु राष्ट्रीय वास्तविकता है. मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि यूपी की रहने वाली कृष्णप्रिया ने नेपाल में भारत देश का झंडा लहराया है. जिसमें बताया गया है ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2025 में यूपी की बिटिया ने शानदार प्रदर्शन किया है. जिसमें कृष्ण प्रिया ने एक स्वर्ण पदक तथा एक राजत पदक जीतकर जिले का गौरव बढ़ाया है. जिसमें ताइक्वांडो चैंपियनशिप 27 से 29 जून तक आयोजित हुआ था. इस चैंपियनशिप में विभिन्न देशों के 7 खिलाड़ियों ने प्रतिभा किया था. इस बेटी के पिता का नाम एडीजे कृष्ण चंद्र सिंह बताया जा रहा है. पिता ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा है कि देश और दुनिया में बेटियों की उपलब्धियां हर क्षेत्र में चमक रही है 

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बेटियां विश्वास और शक्ति की मिसाल

जिसमें उनके पिता अपनी बेटी की सफलता से गर्भ और खुशी से बहुत ओत-प्रोत हो रहे हैं. जिसमें यह दिल को छूने वाली खबर बताई जा रही है. उन्होंने अपनी बेटी के मेहनत और संयम, दृढ़ता को खुले मंच पर तारीफ की तथा परिवार को प्रेरणादायक संदेश दिया है. मेरी बेटी ने फील्ड में पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है उनके माता-पिता की जंग सी मुस्कान और भावनात्मक प्रतिक्रिया साफ रूप से दिखाई दे रही है उन्होंने कितने वर्ष संघर्ष के बाद अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचा है इनके मुख से निकली गर्व की कहानी समझ में प्रेरणादायक का स्रोत बन चुका है. इन तमाम उदाहरण से यह पता चलता है कि बेटियां सिर्फ अपने परिवार को ही नहीं अपितु तो समाज और राष्ट्र को गर्वित कर रही है. इस दौरान उनके पिता ने केवल अभी भूत हो रहे हैं अपितु उन्हें एक प्रेरणा स्रोत के रूप में भी देखा जा रहा है.

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