यूपी के 17 जिलों में युद्ध से पहले का ट्रायल, शाम सात बजते ही आपको करना है ये काम

यूपी के 17 जिलों में युद्ध से पहले का ट्रायल, शाम सात बजते ही आपको करना है ये काम
यूपी के 17 जिलों में युद्ध से पहले का ट्रायल, शाम सात बजते ही आपको करना है ये काम

उत्तर प्रदेश: पहलगाम आतंकी हमले के पश्चात भारत-पाक संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया है.ऐसे हालात में केंद्र सरकार ने पूरे देश को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत 7 मई को देशभर में युद्ध जैसी परिस्थिति की मॉक ड्रिल कराई जाएगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के 17 जिलों को विशेष रूप से चुना गया है.

पिछले महीने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी बेहद गंभीर रूप ले चुकी है. देश में सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में है. इसी के तहत गृह मंत्रालय ने बुधवार, 7 मई को युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है. इस अभ्यास का मकसद है आम जनता को संभावित खतरे के प्रति जागरूक करना और आपदा के वक्त की रणनीतियों को परखना.

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गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के 17 ज़िलों को इस मॉक ड्रिल के लिए प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित किया है. इन जिलों को सुरक्षा संवेदनशीलता को देखते हुए तीन श्रेणियों:- A, B और C में बांटा गया है. श्रेणी ‘A’ में अत्यधिक संवेदनशील, श्रेणी ‘B’ में मध्यम और ‘C’ में तुलनात्मक रूप से कम संवेदनशील ज़िले शामिल हैं. इस वर्गीकरण का उद्देश्य युद्धकालीन हालात में संसाधनों और सुरक्षा बलों की प्राथमिकता तय करना है.

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चिन्हित ज़िलें इस प्रकार है:

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  • कैटेगरी A: बुलंदशहर (नरोरा)
  • कैटेगरी C: बागपत और मुजफ्फरनगर
  • कैटेगरी B: आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बख्शी का तालाब, मुगलसराय और सरवासा.

इन स्थानों को इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां या तो भारतीय सेना की गतिविधियां होती हैं, या फिर एयरफोर्स बेस और अन्य सामरिक ठिकाने मौजूद हैं. ऐसे में अगर पड़ोसी देश से कोई हमला होता है तो इन इलाकों को निशाना बनाए जाने की संभावना अधिक रहती है. मॉक ड्रिल के दौरान, जैसे ही सायरन बजेगा, आम नागरिकों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे बंकरों, सुरक्षित कमरों या तहखानों की ओर रुख करें और खुले इलाकों से दूर चले जाएं. ब्लैकआउट भी लागू किया जाएगा:- यानी घर, ऑफिस, बाजार और सड़क की सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी, ताकि संभावित दुश्मन हवाई या सैटेलाइट से कोई लोकेशन न पकड़ सके. 

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इस आपातकालीन अभ्यास में सिविल प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और आपदा प्रबंधन की टीमें मिलकर काम करेंगी. इसके माध्यम से वास्तविक संकट की स्थिति में सभी एजेंसियों की तैयारी की समीक्षा की जाएगी और जनता को एकजुटता एवं अनुशासन के साथ संकट से निपटने का अभ्यास कराया जाएगा. इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों को मजबूत करना है, बल्कि आम जनता में भी सावधानी, सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया की भावना विकसित करना है.

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