गोरखपुर से लखनऊ की कनेक्टिविटी होगी बेहतर, 3 घंटे में सफ़र होगा पूरा
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गोरखपुर में आगामी 15 दिनों में यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार की संभावना है. जिससे शहरवासियों को यात्रा में सुविधा और समय की बचत होगी। यह सुधार विभिन्न परियोजनाओं और प्रशासनिक प्रयासों के माध्यम से संभव हो रहा है.
गोरखपुर में 15 दिन बाद सड़कों पर दौड़ेंगे वाहन बिना रुकावट
मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम सीएम ग्रिड्स के तहत गोरखपुर में तीन नई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. इन सड़कों पर पार्किंग की व्यवस्था और पैदल चलने वालों के लिए पाथ.वे भी बनाए जाएंगे. इससे शहर के यातायात में सुधार होगा और अस्थाई अतिक्रमण हटाए जाएंगे. गोरखपुर क्षेत्र लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते लखनऊ, आगरा और दिल्ली से जुड़ जाएगा. इसके चालू होने से लखनऊ से गोरखपुर का सफर पांच घंटे की जगह लगभग साढ़े तीन घंटे में पूरा हो जाएगा. गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा. एक्सप्रेसवे पर औद्योगिक गलियारे का निर्माण भी होगा. गोरखपुर पुलिस ने हाल ही में एक सघन जांच अभियान चलाया.
जिसमें 758 वाहनों का चालान किया गया और जुर्माना वसूला गया. इस अभियान के तहत नो.पार्किंग में खड़े वाहनों, बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाने, और मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए वाहन चलाने पर कार्रवाई की गई. यूपीडा के अधिशासी अभियंता पीपी वर्मा ने कहा कि लिंक एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड का कार्य 15 दिन में पूरा हो जाएगा. सिकरीगंज में ओवरपास बनाने का काम शुरू हो है. वहीं कम्हरिया घाट में नदी की धारा सीधी करने का कार्य भी अंतिम चरण में है. गोरखपुर बाईपास स्थित जीरो चौनेज और सिकरीगंज में सर्विस रोड का कार्य तेजी से चल रहा है, जो अगले 15 दिन में पूरा हो जाएगा. संभावना है कि 15 मई के आसपास ही लोकार्पण हो जाए. पहले 15 अप्रैल को ही लिंक एक्सप्रेसवे शुरू करने की योजना थी, लेकिन कम्हरिया घाट में नदी की धारा सीधी करने का काम अधूरा होने के कारण देर हो गई थी. अब मिट्टी का काम पूरा हो गया है और जियो टेक्सटाइल ट्यूब व लोहे की चादर लगाकर नदी की धारा सीधी कर दी गई है. इससे पुल का एप्रोच कटने का खतरा टल गया है.
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अब नहीं लगेगा जाम! 15 दिन में बदलेगी गोरखपुर की ट्रैफिक व्यवस्था
गोलघर क्षेत्र में जाम की समस्या को हल करने के लिए प्रशासन ने सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक ऑटो और ई.रिक्शा के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है. इसके साथ ही प्रमुख चौराहों पर अतिक्रमण हटाने और नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. एक्सप्रेस-वे पर 16 वाहन अंडरपास, 50 लाइट (छोटे) अंडरपास और 35 पैदल यात्री अंडरपास बनाए गए हैं। इसके अलावा, एक्सप्रेस-वे पर 7 बड़े और 27 छोटे पुल, 7 फ़्लाईओवर और 2 टोल प्लाज़ा तैयार हैं. 91.35 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर के सहजनवा के जैतपुर गांव से शुरू होकर आजमगढ़ ज़िले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सालारपुर गांव से जुड़ेगा। अभी एक्सप्रेसवे फोरलेन है, जिसे भविष्य में छह लेन तक बढ़ाया जा सकता है. गोरखपुर और गोण्डा के बीच रेलवे ट्रैक पर तीन पटरियों का निर्माण किया जाएगा.
जिससे ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी और यात्रा समय में कमी आएगी. इससे गोरखपुर से अन्य शहरों के लिए यात्रा करना और भी सुविधाजनक होगा. गोरखपुर से लखनऊ सहित प्रयागराज और वाराणसी की यात्रा में वाहनों की रफ्तार इसी महीने से बढ़ जाएगी. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे बनकर लगभग तैयार है और लगभग 15 दिन बाद इस पर वाहनों को फर्राटा भरने की अनुमति मिल जाएगी. लिंक एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहनों को चलने की इजाजत होगी. सरकार बहुत जल्द इसके लोकार्पण की तारीख तय कर सकती है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर सिंकरीगंज में 600 मीटर लंबा ओवरपास बनाने का कार्य चल रहा है. ग्राउंड इम्प्रूवमेंट के इंतजार में काम देर से शुरू हुआ है, लेकिन दो महीने में इसके पूरा होने की संभावना है. हालांकि, इस निर्माण कार्य के दौरान भी एक्सप्रेसवे पर वाहन चलेंगे.