यूपी के इन दो एक्सप्रेस-वे को लेकर अपडेट, सरकार ने की घोषणा

यूपी के इन दो एक्सप्रेस-वे को लेकर अपडेट, सरकार ने की घोषणा
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. जो इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, रोजगार और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे.

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर

इन पहलों से बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास होगा. जिससे न केवल क्षेत्रीय विकास होगा. बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे. सौर ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी सकारात्मक बदलाव आएगा. इन सभी ई-वे हब को अत्याधुनिक सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम का कवरेज दिया जाएगा जिससे कि एक्सप्रेसवे व आसपास के क्षेत्र की मॉनिटरिंग सुनिश्चित होगी. इसके अतिरिक्त, यहां किड्स प्लेइंग एरिया, हेल्थकेयर व एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा. सभी निर्माण व विकास प्रक्रियाओं को ईपीसी मोड पर पूरा किया जाएगा. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है. जिसका उद्देश्य पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों को राजधानी लखनऊ और पश्चिमी यूपी से जोड़कर समग्र विकास को गति देना है.

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हाल ही में योगी सरकार ने इसके विकास को नई दिशा देने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. उत्तर प्रदेश को उन्नत सुविधाओं युक्त उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार द्वारा प्रदेश में एक्सप्रेसवेज को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से युक्त करने प्रक्रिया जा रही है. देश में ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’ के तौर पर प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश न केवल योगी सरकार के प्रयास से लैंड लॉक स्टेट की छवि को तोड़ रहा है बल्कि आधुनिक तकनीक, उन्नत प्रणाली और उत्तम नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. इसी कड़ी में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर राहगीरों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देने के लिए ई-वे हब का निर्माण व विकास किया जाएगा. यह सब मिलाकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे न सिर्फ एक सड़क परियोजना है. बल्कि यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के सामाजिक.आर्थिक कायाकल्प की दिशा में एक ठोस कदम है.

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एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को केवल एक परिवहन मार्ग नहीं. बल्कि स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिसमें आधुनिक तकनीकए सुरक्षा व्यवस्था और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएं शामिल हैं. योगी सरकार का उद्देश्य इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल प्रोजेक्ट बनाना है. खास बात यह है कि यूपीडा द्वारा तैयार की गई योजना में दोनों एक्सप्रेसवे के किनारे विभिन्न प्रक्रार की सुविधाओं का विकास किए जाने का खाका तैयार किया गया है. इसमें एक्सप्रेसवे किनारे पेट्रोल-सीएनजी पंप, चार्जिंग स्टेशन, कॉमर्शियल स्पेसेस, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक्स, फूडकोर्ट व आउटलेट्स, बजट होटल, थीमपार्क तथा लॉजिस्टिक्स प्रमुख हैं. इतना ही नहीं, एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल व कॉमर्शियल क्षेत्रों का भी विकास किया जाएगा. हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा खाका मुख्य सचिव के सामने पेश किया गया था.

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इसी के आधार पर प्रदेश में इन दोनों एक्सप्रेसवे पर कुल 12 ई-वे हब्स के निर्माण व विकास को पूर्ण करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. यूपीडा द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर कुल 4 ई-वे हब का निर्माण व विकास किया जाएगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर कुल 40 हेक्टेयर क्षेत्र में ई-वे हब का निर्माण व विकास किया जाएगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाले जिलों में बांदा, हमीरपुर व जालौन में ई-वे हब के निर्माण व विकास की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. प्रक्रिया के अंतर्गत बांदा में एक्सप्रेसवे के दाहिनी ओर 10 हेक्टेयर क्षेत्र में तथा हमीरपुर में एक्सप्रेसवे की बायीं ओर 10 हेक्टेयर क्षेत्र में ई-वे हब का निर्माण व विकास किया जाएगा. इसी प्रकार जालौन में 2 ई-वे हब्स का निर्माण एक्सप्रेसवे की दोनों तरफ क्रमशः 10-10 हेक्टेयर भूमि पर किया जाएगा. यूपीडा की कार्ययोजना के अनुसार, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 8 ई-वे हब्स का निर्माण व विकास निर्धारित किया गया है, जो कि कुल 81.89 हेक्टेयर क्षेत्र में होगा. बाराबंकी में एक्सप्रेसवे के बायीं तरफ 10 हेक्टेयर में, अमेठी में 10.12 हेक्टेयर में एक्सप्रेसवे की दाहिनी तरफ, मऊ में 10.10 हेक्टेयर में बायीं तरफ तथा गाजीपुर में 10.52 हेक्टेयर क्षेत्र में एक्सप्रेसवे पर दाहिनी तरफ ई-वे हब का निर्माण व विकास किया जाएगा. इसके अतिरिक्त सुल्तानपुर व आजमगढ़ में एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 10.42, 10.58, 10.11 तथा 10.04 हेक्टेयर क्षेत्र में ई-वे हब का निर्माण किया जाएगा. 

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