यूपी के इस जिले में लेखपाल समेत इन अधिकारियों को जिलाधिकारी ने दी चेतावनी

जिले में राजस्व कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अब प्रशासन का डंडा चलने लगा है. हाल ही में जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर अब भी काम में लापरवाही मिली तो सीधे निलंबन की कार्रवाई की जाएगी.
डीएम की चेतावनी के बाद हड़कंप
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई एक विशेष राजस्व समीक्षा बैठक के दौरान कई अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे. डीएम ने पाया कि कुछ लेखपाल फील्ड विजिट नहीं कर रहे हैं. जमीन विवादों का समय पर निस्तारण नहीं हो रहा है. और ऑनलाइन पोर्टल्स पर फीडिंग कार्य लंबित है. जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस कप्तान अर्पित विजय वर्गीय की उपस्थिति में तहसील रामनगर में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस आयोजित किया गया. इस दौरान गांवों में चक मार्गों पर अवैध कब्जे और धारा 24 के तहत आदेश के बावजूद राजस्व कर्मियों द्वारा पैमाइश न करने के मामले सामने आए. जिसपर जिलाधिकारी का पारा चढ़ गया और उन्होंने हल्का लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए. उन्होंने कर्मचारियों को निलंबित करने की चेतावनी भी दी.
जैसे ही डीएम का निर्देश जारी हुआ पूरे राजस्व महकमे में हलचल मच गई. कई अधिकारी अपने लंबित कार्यों को जल्द पूरा करने में जुट गए हैं. वहीं कुछ ने तो छुट्टी रद्द कर फील्ड में जाकर काम शुरू कर दिया. जिले की सभी तहसीलों में शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया. इस दौरान विभिन्न मामलों से जुड़ी कुल 410 शिकायतें प्राप्त हुईं. अधिकारियों ने मौके पर ही 82 शिकायतों का निस्तारण किया. तहसीलवार आंकड़ों के अनुसार, रामनगर में आई 102 शिकायतों के अलावा नवाबगंज में सबसे अधिक 129 शिकायतें मिलीं. उपजिलाधिकारी आनन्द कुमार तिवारी की अध्यक्षता में यहां 19 मामलों का तत्काल समाधान किया गया. तहसील रामनगर में कुल 102 शिकायती पत्र प्राप्त हुए. इनमें से 20 का मौके पर निस्तारण किया गया और 82 शिकायतों के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए गए. इस दौरान डीएम ने 10 लाभार्थियों को मत्स्य पालन के लिये आवंटित पट्टे का प्रमाण पत्र दिया. मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत विकास खंड सूरतगंज के 7 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र और 5 को चाभी भेंट की और रामनगर ब्लॉक के 10 लाभर्थियों को स्वीकृति पत्र और 5 को चाभी भेंट की. इस मौके पर जिला व तहसील स्तरीय अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे.
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जनता को कैसे मिल सकती है राहत
अगर प्रशासन की यह सख्ती इसी तरह जारी रही. तो आम जनता को जमीन संबंधी मामलों योजनाओं के लाभ और शिकायतों के समाधान में बड़ी राहत मिल सकती है. डीएम ने यह भी संकेत दिया कि अगले कुछ हफ्तों में कार्य की समीक्षा फिर से की जाएगी. डीएम के सख्त रवैये से एसडीएम और तहसीलदार परेशान दिखे. एंडोरा निवासी विपिन कुमार ने शिकायत की कि धारा 24 के तहत आदेश के बावजूद लेखपाल और राजस्व निरीक्षक मौके पर नहीं गए और मनमाने तरीके से रिपोर्ट लगा दी. महादेवा के दलित बस्ती के निवासियों ने बताया कि कॉरिडोर में मुआवजे के लिए उनकी जमीन को दूसरों की बताया जा रहा है।.इस शिकायत को डीएम ने गंभीरता से लेकर एसडीएम को स्वयं जांच करने के निर्देश दिए. मदरसे में शिक्षकों की फर्जी भर्ती की शिकायत भी सामने आई. हैदरगढ़ तहसील में 71 शिकायतें आईं और 21 का निस्तारण हुआ. रामसनेहीघाट में अपर जिलाधिकारी ने 55 शिकायतों में से 3 का समाधान किया. फतेहपुर तहसील में 30 शिकायतों में से 13 का निस्तारण किया गया. सिरौलीगौसपुर में 23 शिकायतें मिलीं जिनमें से 6 का मौके पर समाधान हुआ. सभी तहसीलों में बची हुई शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं. बाराबंकी डीएम का यह एक्शन यह दर्शाता है कि अब जिले में जवाबदेही तय करने का दौर शुरू हो चुका है.
यदि यह सख्ती बनी रही तो न केवल राजस्व विभाग की कार्यशैली में सुधार आएगा. बल्कि आमजन का भरोसा भी प्रशासन में मजबूत होगा. डीएम की सख्ती अगर धरातल पर अमल में लाई जाती है. तो इसका सबसे बड़ा फायदा आम जनता को मिलेगा. बेहतर निगरानी, तेज़ फैसले और पारदर्शिता से एक नया प्रशासनिक माहौल बन सकता है. लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों की जवाबदेही तय होने से वर्षों से लंबित जमीन के मामले अब समय पर निपटाए जा सकेंगे. पीएम किसान, वरासत, आय,जाति,निवास प्रमाणपत्र जैसे मामलों में देरी कम होगी. जिससे आमजन को योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा. अधिकारी यदि निर्धारित समय पर जनसुनवाई में उपस्थित रहेंगे, तो ग्रामीणों की शिकायतें सुनी और सुलझाई जा सकेंगी. जब अधिकारी यह जानेंगे कि लापरवाही पर निलंबन तय है. तो रिश्वतखोरी और मनमानी में भी कमी आने की उम्मीद है. मौके पर जाकर की गई जांच से गलत रिपोर्टों और झूठी सूचनाओं की गुंजाइश कम होगी. जिससे पीड़ितों को सही न्याय मिल सकेगा.