Basti Lok Sabha Chunav में अखिलेश यादव की रणनीति का होगा लाभ! क्या इतिहास दोहरा पाएंगी सपा?
Lok Sabha Elections 2024
Basti Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश स्थित बस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने हरीश द्विवेदी, बसपा ने दयाशंकर मिश्रा और सपा-कांग्रेस अलायंस ने राम प्रसाद चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. इस बार बस्ती लोकसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी पार्टी से खास उम्मीदें हैं.
दरअसल, साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा प्रमुख की पार्टी ने जिले की पांच में से 3 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. इसके अलावा सपा नेता दूधराम ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी. हालांकि सपा नेता उन्हें भी अपने साथ ही मानते हैं. यह बात अलग है कि फरवरी में संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों में उन्होंने सपा का साथ न देकर, भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA के प्रत्याशी को दिया था.
2019 में किन विधानसभा सीटों पर आगे थी बीजेपी?
ऐसे में देखा जाए तो जिले की तीन विधानसभा सीटों- बस्ती सदर, कप्तागंज और रुधौली में सपा ने जीत हासिल की. वहीं सिर्फ हर्रैया में अजय सिंह अपनी और पार्टी दोनों की साख बचा पाए.
मौजूदा लोकसभा चुनाव की बात करने से पहले चर्चा करते हैं साल 2019 के आम चुनावों की. उस चुनाव में हरीश द्विवेदी ने लगातार दूसरी बार सांसद बनने का रिकॉर्ड बनाया लेकिन उनकी जीत आसान नहीं थीं. कांटे की लड़ाई में वह 30,000 वोट से जीत पाए थे. उनका मुकाबला तब भी राम प्रसाद चौधरी से था. यह बात अलग है कि तब राम प्रसाद, सपा-बसपा के अलायंस में मायावती के प्रत्याशी थे. 2019 के लोकसभा चुनाव का विधानसभा वार विश्लेषण करें तो पाएंगे कि तीन पर बीजेपी और 2 पर बसपा-सपा का अलायंस आगे था. माना जाता है कि हर्रैया विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा वोट मिले थे.
हरीश के मुकाबले राम प्रसाद को हर्रैया में 43000 कम वोट मिले थे. वहीं कप्तनागंज में राम प्रसाद 11,000 , और महादेवा विधानसभा में 5,000 वोट से आगे थे. बस्ती सदर की बात करें तो यहा हरीश द्विवेदी को 92000 और राम प्रसाद को 90000 वोट मिले थे. इसके अलावा रुधौली में भी हरीश 5000 वोटों से आगे थे.
विधानसभा चुनाव 2022 में क्या था हाल?
वहीं विधानसभा की बात करें तो हर्रैया में बीजेपी को 88 से अधिक वोट मिले वहीं कप्तानगंज में सपा 24000, बस्ती सदर में दो हजार और रुधौली में 15000 वोट से आगे थी.
हालांकि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां एक जैसी नहीं होतीं लेकिन सपा और कांग्रेस के अलायंस को उम्मीदें हैं. सपा के स्थानीय नेताओं का मानना है कि चूंकि उनके नेता अखिलेश यादव ने बीजेपी से बहुत पहले प्रत्याशी का ऐलान कर दिया था और वह जनता में प्रचार के लिए निकल चुके थे. वहीं तीन सीटों सपा विधायकों की मौजूदगी को भी पार्टी नेता सकारात्मक निगाह देख रहे हैं.
यह देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश की रणनीति का बस्ती के चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?