संविदा आयुष चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को भेजा विनय पत्र, दी सामूहिक त्याग पत्र की चेतावनी

मेन स्ट्रीम आयुष डाक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भेजे विनय पत्र

संविदा आयुष चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को भेजा विनय पत्र,  दी सामूहिक त्याग पत्र की चेतावनी
भारतीय बस्ती

बस्ती. वेतन विसंगति दूर करने सहित 7 सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलित मेन स्ट्रीम आयुष डाक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष डा. वी.के. वर्मा और महामंत्री डा. प्रदीप शुक्ला ने मुख्यमंत्री को विनय पत्र भेजकर समस्याओं के निस्तारण का आग्रह किया है. एसोसिएशन पदाधिकारियों ने विनय पत्र में चेतावनी दी है कि यदि मांगे न मानी गई तो वे सामूहिक त्याग पत्र देने को विवश होंगे.

एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भेजे विनय पत्र में कहा है कि संविदा आयुष चिकित्सक भी कोरोना महामारी में फ्रन्ट कोराना वारियर के रूप में कार्य कर रहे हैं, इन्हें भी बिना किसी भेद भाव के 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दिया जाय किन्तु जायज मांगों को पूरी करने की जगह  सरकार ने एस्मा लागू कर दिया. मांग किया गया है कि  आयुष चिकित्सकों की वेतन विसंगति दूर कर उन्हें भी एमओसीएच के बराबर वेतन एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी जाय.

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एसोसिएशन जिलाध्यक्ष  डा. वी.के. वर्मा ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर 7 सूत्रीय मांग पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य चिकित्साधिकारी बस्ती को भेजा गया था किन्तु मांगों पर अभी तक कोई विचार न किये जाने से रोष है. संविदा आयुष चिकित्सकों को बहुत कम मानदेय दिया जाता है जबकि उनसे  सर्वाधिक कार्य लिया जाता है. आयुष चिकित्सकों का मानदेय जहां वर्तमान में लगभग 40 हजार रूपया है वहीं एलोपैथिक चिकित्सकों का मानदेय 70 हजार प्रति माह है. राज्य सरकार के अधीन कार्य कर रहे एमओसीएच आयुष चिकित्सकों का मानदेय भी 60 हजार है जबकि एनएचएम आयुष चिकित्सकों को पद के अनुरूप वेतन नहीं मिल रहा है. यह असमानता दूर होनी चाहिये.

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डा. वर्मा ने बताया कि मुख्य मांगों में प्राथमिकता के स्तर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत सभी संविदा आयुष चिकित्सकों को 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि, 50 लाख का कोविड बीमा समय से दिलाये जाने, वेतन विसंगति दूर कर समायोजन कराया जाना शामिल है.

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डा. वी.के. वर्मा ने बताया कि महामारी में फ्रंट लाइन कोरोना वारियर के रूप में स्क्रीनिंग, सेम्पलिंग, मरीजों को होम आइसोलेशन में मेडिकल किट देने, मरीजों का हाल चाल लेने, रैपिड रिस्पांस टीम, कांटेक्ट टेªसिंग, कोविड कन्ट्रोल रूम आदि में आयुष चिकित्सक पूरी निष्ठा से अपने दायित्वों को पूरा कर रहे हैं. अनेक आयुष चिकित्सकों ने अपने प्राणों की आहुति दिया, कुछ कोरोना संक्रमित हैं और कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है. इसके बावजूद न तो वेतन विंसंगति दूर हो रही है और न ही आयुष चिकित्सकों को 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि एवं कोविड बीमा की सुविधा उपलब्ध कराया गया है.

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बताया कि  समस्त संविदा आयुष चिकित्सकों को सरकार द्वारा दिया जाने वाला 25 प्रतिशत राशि का लाभ देने के साथ ही 50 लाख का कोविड बीमा राशि दिलाया जाय, आयुष चिकित्सकों एवं उनके परिवार को निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा देने के साथ ही  वेतन विसंगतियों को दूर कर सेवा निवृत्ति की पुरानी 70 वर्ष की आयु सीमा बहाल करते हुये ट्रांसफर नीति शुरू किया जाय और कोविड में मृत लोगों के परिजनों को मृतक आश्रित नौकरी उपलब्ध कराया जाय.

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