Ayodhya News: आचार्य बिरौली सरकार व सियाछबीली शरण सरकार को संतो ने अर्पित की श्रद्धांजलि
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अयोध्या . वैष्णो नगरी अयोध्या संतो की सराय के रूप में जानी जाती है और यहां आने को भजनानंदी संत हुए हैं जिन्होंने भक्ति और प्रेम रूपी शस्त्र के माध्यम से बड़े-बड़े विद्वानों को भी पिछड़ दिया है . यह भूमि भजन सेवा और तपस्या के लिए जानी जाती है कौन क्या है यह महसूस नहीं होता लेकिन तपस्या और भजन के बल पर लोहा मनवाने वाले संतों की कमी भी अयोध्या में नहीं है . अगर कोई प्रेम से मांगता तो सब कुछ न्योछावर कर देने वाली यह नगरी बड़े-बड़े विद्वानों के अहम को भी चकनाचूर किया है.
इन्हीं संतो की मणि माला में रसमोद कुंज अनंत श्री से विभूषित साकेत वासी श्री बिरौली सरकार की 38 वी और साकेत वासी 1008 श्री सियाछबीली शरण भैया जी महाराज महाराज की 9 वीं पुण्यतिथि हर्षोल्लास के साथ मनाई गई अयोध्या के संतो महंतों ने दोनों आचार्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की .
इस अवसर पर रसमोद कुंज के वर्तमान महंत रामप्रिया शरण गिरधारी जी महाराज ने बतायाकि दोनों सरकार प्रभु श्रीराम के अनंत भक्त थे और हमेशा उन्हीं के रस में लीन होकर के पदों का गान किया करते थे आज भी उनके द्वारा रचित पद अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश के धार्मिक उत्सव में गाए जाते हैं .श्रद्धांजलि सभा में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्य उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास , लक्ष्मण किला के महंत मैथिली रमण शरण , पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत मिथिलेश नंदनी शरण महंत अर्जुनदास महंत सत्येंद्र दास वेदांती, महंत छाेटू शरण, महंत प्रियाप्रीतम शरण, महंत रामलाेचन शरण, महंत महेश शरण, महंत रामकिशाेर दास, महंत रामनरेश शरण, नागा रामलखन दास, पार्षद आलाेक मिश्रा आदि माैजूद रहे .
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