यूपी में हर जिले के ई रिक्शा चालक के लिए बड़ी खबर, योगी सरकार ने जिलाधिकारियो को दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 5 जनवरी तक हर हाल में बैठक संपन्न कर लें
उत्तरप्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर नियम और अधिक सख्त होने जा रहे हैं। सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियो को निर्देश देते हुए नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी का बार-बार चालान काटता है तो उसका लाइसेंस निरस्त किया जाए।
सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों पर सरकार का तेवर
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 5 जनवरी तक हर हाल में बैठक संपन्न कर लें. छह से 10 जनवरी तक सभी स्कूलों-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा नियमों से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों-कॉलेजों में रोड सेफ्टी क्लब की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में रोड सेफ्टी पार्क बनाए जाएं. रोड सेफ्टी अवेयरनेस कार्यक्रमों से स्कूली बच्चों को जोड़ते हुए यातायात नियम से जुड़े विषयों पर नाटक, संगीत, कविता, निबंध, संगोष्ठी, भाषण, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं कराई जाएं. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परिवहन निगम के बसों के ड्राइवरों की नियमित स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए. बसों की फिटनेस का भी ध्यान रखा जाए। दुर्घटनाएं जागरूकता के अभाव में होती हैं. सड़क सुरक्षा माह सिर्फ लखनऊ तक सीमित न रहे, बल्कि इसे प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सुचारू रूप से संपन्न कराया जाए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी हर माह जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा की बैठक हो।
प्रभावी योजना की जरूरत
महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र और शहर में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने को लेकर मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि महाकुम्भ में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए पीआरडी व होमगार्डों की संख्या बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि ऑटो,ई.रिक्शा चालकों का डाटा तैयार करना। पार्किंग स्थान निर्धारित करना एवं सभी से ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के संबंध में निर्देशित किया जाए। ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए निर्देश दिए गए। ताकि महाकुंभ को दिव्यए भव्य और डिजिटल कुंभ के साथ ही सुव्यवस्थित कुंभ भी बनाया जा सके। सीएम ने कहा कि नाबालिग ई-रिक्शा व अन्य वाहनों का संचालन न कर पाएं, इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई सुचारू रूप से की जाए.
सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाए जाएं, जिससे लोगों को आवागमन में भी सहूलियत हो सके। परिवहन व सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों की तरफ से अपील करने वाली होर्डिंग लगाई जाए. इसे सभी 75 जनपदों, 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगर निकायों के बाहर भी लगाया जाए. राहगीरों/आमजन को जागरूक किया जाए कि दुर्घटना को देखकर भागें नहीं, बल्कि घायलों को गोल्डेन ऑवर के अंदर समीप के हॉस्पिटल या ट्रॉमा सेंटर में पहुंचाएं. एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम करें। यह भी बताया गया कि पुलिसकर्मियों को खुद भी यातायात नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपसी सहयोग से महाकुंभ को भव्य के साथ सुरक्षित भी बनाना है। उन्होंने श्रद्धालुओं एवं स्नानार्थियों को सुगम यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने पर जोर दिया। कहा किए ट्रैफिक जाम को समाप्त करने के लिए प्रभावी ट्रैफिक प्लान बनाया जाए। आवश्यकतानुसार एकल मार्ग का निर्धारण करना एवं इसे लेकर आम लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।