यूपी में एक्सप्रेस वे के लिए टेंडर शुरू, 30 गांवों से गुजरेगा रूट, किसानों को मिलेगा करोड़ों का मुआवजा
उत्तर प्रदेश अलीगढ़-पलवल हाईवे के बीच का सफर जल्द ही और सुगम होने वाला है
अलीगढ़.पलवल एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए अलीगढ़ के करीब 30 गांव अधीन होंगे। एक्सप्रेसवे बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। पलवल के बीच जल्दी ही आवाजाही का समय और जाम में कमी आएगी। इतना ही नहीं लोगों को बेवक्त लगने वाली जाम से भी छुटकारा मिल सकेगी। जिससे निजि के साथ ही सार्वजनिक गाड़ियों के संचालन सुचारू रूप से हो सकेंगे।
करोड़ मुआवजा बांटने की तैयारी
राज्य में अच्छी सड़क होने से गांव और शहरों में आपसी कनेक्टिविटी और ज्यादा आसान हो जाती है जिससे लोग अपना व्यापार ज्यादा बढ़ा सकते हैं। इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश में एक और हाईवे को चौड़ीकरण करने का फैसला लिया गया है। अलीगढ़-पलवल हाईवे की चौड़ीकरण और बाईपास के निर्माण से हरियाणा के पलवल जिले के लगभग 58 गांव प्रभावित होंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में 30 गांव भी इसके अधीन होंगे। यह भी शुरू हो गया है। गांव की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस कार्य को तेजी से पूरा किया जाएगा। पिछले दिनों केंद्रीय स्तर से मार्ग के नवीनीकरण व चौड़ीकरण का निर्णय लिया गया।
इस नेशनल हाईवे के चौड़ा होने से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई जिलों को फायदा मिलेगा। दिल्ली एनसीआर जाने वाले लोगों की राह आसान होगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, नया एक्सप्रेसवे टप्पल में यमुना एक्सप्रेसवे और पलवल में ईस्टर्न पेरिफेरल के इंटरचेंज से जुड़ेगा। अलीगढ़ से आगरा, मथुरा, दिल्ली एनसीआर, ग्रेटर नोएडा, पलवल, गुरुग्राम तक जाना आसान होगा। बाईपास निर्माण और अलीगढ़-पलवल हाईवे की चौड़ीकरण के लिए लगभग 2500 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। इस दौरान 58 गांवों में जमीन खरीदना है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने तक इन गांवों की जमीन खरीदने या बेचने की कोई भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इस बारे में पत्र भेजा, जिसके बाद प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी।
लोक निर्माण विभाग में कराया था इस हाईवे का निर्माण
पीडब्ल्यूडी ने हाईवे का निर्माण पिछले साल मार्च 2022 में एनएचएआई को सौंप दिया था। ध्यान दें कि यह राजमार्ग तीन राज्यों को एक दूसरे से जोड़ता है, साथ ही दिल्ली-एनसीआर को भी सीधा लाभ मिलता है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोग इससे लाभ उठाते हैं। वहीं, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को चौड़ीकरण और बाईपास बनाने की अनुमति दी है।
अलीगढ़-पलवल हाईवे, जो राज्य को दिल्ली-एनसीआर से जोड़ता है, को चौड़ा किया जाएगा और एक बाईपास बनाया जाएगा। इस दौरान सड़क पर आने वाले गांवों में जमीन खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई गांव प्रभावित होंगे। बता दें कि पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय विभाग ने अलीगढ़-पलवल हाईवे का निर्माण किया था, जिसकी लागत 552 करोड़ रुपये थी। च्ॅक् करीब 67 किमी लंबे हाईवे को बनाने में पांच वर्ष लगे। यूपी और हरियाणा तथा दिल्ली एनसीआर को जोड़ने वाला अलीगढ़ पलवल हाईवे का चौड़ीकरण और नवीनीकरण हो जाने के बाद तीन प्रदेशों के लिए आवागमन और अधिक सुलभ हो जाएगा। इसके चौड़ीकरण की मंजूरी मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही तेज हो गई है। प्रशासन ने चिन्हित 21 गांव में शिविर लगाने शुरू कर दिए हैं। शेष बचे 10 गांव को जल्द अवार्ड घोषित किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग में बीते करीब 6 वर्ष पहले अलीगढ़ से परवल तक करीब 85 किलोमीटर इस मार्ग का निर्माण कराया था। जिसमें कुल लागत 552 करोड़ रुपये की लागत आयी थी। करीब 85 किमी लंबे हाईवे के निर्माण में पीडब्ल्यूडी को 5 साल का समय लगा था। एक रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले साल मार्च 2022 में पीडब्ल्यूडी ने हाईवे का निर्माण करने के बाद इसे एनएचएआई सौंप दिया था। यह हाईवे तीन राज्यों को आपस में जोड़ता है। जिसका सीधा लाभ दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के वासियों को मिलता है। वहीं अब इसके चौड़ीकरण और बाईपास के निर्माण को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है।