यूपी के इस जिले में बनेगा वंदे भारत का डिपो, वंदे भारत समेत इन 17 ट्रेनों को चलाने की तैयारी

अब रेलवे प्रशासन नए प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रहा है, जिससे गोरखपुर में वंदे भारत ट्रेनों का संचालन संभव हो सके

यूपी के इस जिले में बनेगा वंदे भारत का डिपो,  वंदे भारत समेत इन 17 ट्रेनों को चलाने की तैयारी
यूपी के इस जिले में बनेगा वंदे भारत का डिपो, वंदे भारत समेत इन 17 ट्रेनों को चलाने की तैयारी

भारत की सबसे लोकप्रिय सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत का नया डिपो गोरखपुर में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ट्रेनिंग सेंटर के समीप स्थापित किया जाएगा। रेलवे प्रशासन ने ट्रेनिंग सेंटर के पीछे की भूमि की माप लेकर डिपो को निर्मित कराने के लिए एक प्रस्ताव सज्ज  कर लिया है। रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलने के पश्चात निर्माण कार्य की वृद्धि शुरू की जाएगी। इस डिपो के निर्माण के पश्चात गोरखपुर से नई वंदे भारत ट्रेनों का संचालन भी प्रारंभ हो जाएगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। 

पूर्वोत्तर रेलवे ने रेलवे बोर्ड के निर्देशों के आधार पर गोरखपुर समेत अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशनों से 7 वंदे भारत और 2 अमृत भारत ट्रेनों के साथ 17 नई ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव सज्ज किया है। यह कदम यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, गोरखपुर में वंदे भारत डिपो की स्थापना में अभी तक कोई प्रगति नहीं हो पाई है, जबकि रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलने के पश्चात भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

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शुरू में रेलवे प्रशासन ने न्यू वाशिंग पिट में डिपो बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन विभिन्न कारणों से यह परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। अब रेलवे प्रशासन नए प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रहा है, जिससे गोरखपुर में वंदे भारत ट्रेनों का संचालन संभव हो सके। 

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भूमि की कमी के कारण मानीराम रेलवे स्टेशन के निकट भूमि की खोज की गई, परंतु वहां भी कोई समाधान नहीं निकला। रेलवे प्रशासन ने नकहा जंगल स्टेशन के पास डिपो स्थापित करने की योजना बनाई, परंतु यह योजना भी कागजों में ही सीमित रह गई। इस बीच, कहीं भूमि की कमी तो कहीं संसाधनों और अन्य आवश्यक सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति ने रेलवे विकास योजनाओं को प्रभावित किया है, जिससे परियोजनाओं की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है।

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रेलवे प्रशासन के समक्ष डिपो को निर्मित करने को लेकर एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसी दौरान,  रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए बजट भी आवंटित कर दिया है, फिर भी डिपो की कमी के कारण नई वंदे भारत ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है। रेलवे अधिकारियों ने गोरखपुर जंक्शन और कैंट स्टेशन के मध्य आरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर के पीछे ज़मीन को डिपो के लिए चुनाव किया गया है। 

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रेलवे की एक महत्वपूर्ण योजना के तहत, ट्रेनिंग सेंटर के पीछे स्थित भूमि पर डिपो निर्माण की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इस संबंध में एक प्रस्ताव पहले ही सज्ज किया जा चुका है, और अब यह देखना बाकी है कि क्या इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग पाती है या नहीं। 

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विशेषज्ञों का मानना है कि अयोध्या-लखनऊ मार्ग के जरिए गोरखपुर से प्रयागराज के मध्य में चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों की सफाई और धुलाई वर्तमान में न्यू वाशिंग पिट (कोचिंग डिपो) में की जा रही है। यदि नया डिपो निर्माण होता है, तो यह रेलवे की सेवाओं में सुधार लाने और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। 

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हालांकि, इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन के संचालन के लिए एक विशेष डिपो की आवश्यकता होती है। यदि ऐसा डिपो नहीं बनाया जाता है, तो संबंधित विभाग वंदे भारत ट्रेन के संचालन को लेकर रखरखाव और सफाई के मुद्दों पर असमर्थता जताने लगे हैं। इस दौरान, पूर्वोत्तर रेलवे ने पिछले वर्ष वंदे भारत ट्रेन के लिए एक प्रस्ताव सज्ज कर लिया था। 

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गोरखपुर से दिल्ली और आगरा के मध्य स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों के संचालन के साथ-साथ वाराणसी के मार्ग से प्रयागराज तक कुल 7 वंदे भारत ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई गई है। आने वाले दिनों में गोरखपुर मुख्यालय समेत आसपास के सभी प्रमुख रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। यदि डिपो का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो जाता है, तो इस वर्ष से ही प्रस्तावित वंदे भारत ट्रेनों को चलवाया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 जुलाई, 2023 को गोरखपुर जंक्शन का उद्घाटन किया, जिससे इस क्षेत्र में रेलवे परिवहन को एक नई दिशा मिलेगी। इस योजना के तहत, यात्रियों को अब और अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अपनी यात्रा को अधिक आरामदायक और तेज बना सकेंगे। 

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गोरखपुर में वंदे भारत ट्रेन की आवधिक मरम्मत (पीओएच) का कार्य भी किया जाएगा। इसके लिए यांत्रिक कारखाने में एक नया शेड स्थापित किया जाएगा। रेलवे प्रशासन ने बोर्ड के निर्देशों के अनुसार इस शेड के लिए आवश्यक भूमि का चुनाव कर लिया है और इसके लिए एक प्रस्ताव भी सज्ज किया है, जिसमें नक्शा भी शामिल है। 

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इस बीच, गोरखपुर में बहुविषयक पद्धति प्रशिक्षण केंद्र (एमएसटीसी) में वंदे भारत ट्रेन के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र भी खोला जाएगा। इससे गोरखपुर में रेलकर्मियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी कौशलता में वृद्धि होगी और रेलवे सेवा में सुधार आएगा।

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