यूपी में इस महीने से शुरू हो जाएगा इन तीन एक्स्प्रेस वे का काम
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यूपी सरकार ने पूर्वांचल के कई शहरों को जोड़ने के लिए विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण का खाका तैयार कर लिया है, इस एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 22.400 करोड़ रुपये है। इसी कड़ी में यूपी सरकार विंध्य एक्सप्रेसवे और विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की तैयारी में जुट गई है, जुलाई से इन दोनों महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य शुरू करने की योजना है।
यूपी में कनेक्टिविटी को मिलेगा बूस्ट
विंध्य, विंध्य-पूर्वांचल लिंक और लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे पर जुलाई से काम
एसीईओ यूपीडा श्रीहरि प्रताप शाही का कहना है कि तीनों एक्सप्रेसवे के लिए प्रारंभिक तैयारी चल रही है। परामर्शी के चयन के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है। इस साल घोषित दो नए एक्सप्रेसवे के लिए दो महीने में डिटेल सर्वे रिपोर्ट आ जाएगी। इन एक्सप्रेसवे के लिए आने वाले बजट में शुरुआती खर्च के लिए व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीनों परियोजनाओं पर तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे एक्सप्रेसवे का 71 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इस एक्सप्रेसवे के काम पूरा होने की समय सीमा नवंबर 2025 है। यूपीडा की कोशिश है कि इसे तय समय से पहले खत्म कर दिया जाए। मुख्य कैरिजवे पर मिट्टी का 95 प्रतिशत काम हो गया है। पूरे रूट में 1500 स्ट्रक्चर खड़े किए जाने हैं। 10 फरवरी तक 1412 स्ट्रक्चर बन गए हैं। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले महाकुंभ में हुई योगी मंत्रिमंडल की बैठक में एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव पर मुहर लगी थी। गंगा एक्सप्रेसवे को लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़कर मिर्जापुर, वाराणसी से चंदौली तक ले जाने की तैयारी हो रही है। लखनऊ शहर पर दो एक्सप्रेसवे के कारण काफी दबाव है। रिंग रोड के जरिए भी इस दबाव को कम करना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में यूपीडा ने दो प्रमुख एक्सप्रेसवे आगरा एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करने की योजना तैयार की है। इस नए एक्सप्रेसवे को लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे नाम दिया गया है। यह एक्सप्रेसवे करीब 50 किलोमीटर लंबा होगा। इसके निर्माण और जमीन की खरीद के लिए 4200 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है। इसके बाद प्रस्तावित परियोजनाओं पर विकास प्राधिकरणों को मंडलायुक्तों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं, इस योजना का उद्देश्य लोगों को लंबे समय तक फायदा पहुंचाना है, प्राधिकरणों के जरिये तैयार प्रस्तावों को शासन से स्वीकृति मिलने के बाद शुरू कर दिया जाएगा, जिससे शहरी विकास को नई गति मिलेगी।