लखनऊ मेट्रो का कब शुरू होगा दूसरे चरण का काम ? जाने कब से नए रूट पर लखनऊ में चलेगी मेट्रो

लखनऊ में बढ़ेगा मेट्रो का दायरा, एक नई दिशा में विकास
लखनऊ में मेट्रो सेवा की शुरुआत 2017 में हुई थी और तब से यह शहर के यातायात को व्यवस्थित करने में मदद कर रही है. मेट्रो के दायरे का विस्तार शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने का काम करेगा. जिससे यात्रा में आसानी होगी और लोगों को समय की बचत होगी. यह परियोजना न केवल यातायात को बेहतर बनाएगी बल्कि प्रदूषण को भी कम करने में मदद करेगी. क्योंकि लोग निजी वाहनों की बजाय मेट्रो का अधिक इस्तेमाल करेंगे. लखनऊ में मेट्रो का सफर शानदार होने वाला है. यहां मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. वसंत कुंज से चारबाग तक की सॉइल टेस्टिंग, टोपोग्राफी और यूटिलिटी डायवर्जन का काम लगभग 40ः पूरा हो चुका है. चारबाग से वसंत कुंज तक मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का निर्माण होने वाला है. यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने इस रूट पर वसंत कुंज से चौक तक सॉइल टेस्टिंग के सैंपल लेने के साथ 40 फीसदी श्ग्राउंड लेवल वर्कश् भी पूरा कर लिया है. 7 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं, जिनमें चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और चौक हैं.
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यातायात में सुधार, समय की बचत
मेट्रो के इस विस्तार कार्य का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार विस्तार की शुरुआत अगले कुछ महीनों में हो जाएगी और आने वाले कुछ वर्षों में यह परियोजना पूरी तरह से साकार होगी. इसके तहत आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण. मेट्रो स्टेशन ट्रैक और अन्य सुविधाएं बनाई जाएंगी. इसमें सॉइल टेस्टिंग के साथ टोपोग्राफी और यूटिलिटी डायवर्जन की रिपोर्ट तैयार की गई है. टोपोग्राफी की बात करें तो एरियल सर्वे किया जा रहा है. इसमें जमीन से ऊपर निर्माण कार्य के दौरान आने वाली दिक्कतों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. पहले से ग्राउंड वर्क होने पर निर्माण के दौरान समय बचेगा और काम जल्दी पूरा होगा. यूपीएमआरसी ने कानपुर और आगरा में मेट्रो के निर्माण से जुड़े एक्सपर्ट की मदद से ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का श्ग्राउंड लेवल वर्कश् शुरू किया गया है. इसके लिए करीब 1.5 करोड़ का टेंडर जारी किया गया है. 6 साल में ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने वाला है, लेकिन यूपीएमआरसी इसे चार साल में पूरा करने की तैयारी है.
इसी वजह से अभी से ग्राउंड वर्क शुरू किया गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो कोई भी परियोजना शुरू करने से पहले ग्राउंड वर्क पूरा करने में छह से दस महीने लग जाते हैं. अब केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलना बाकी है. यूपीएमआरसी की मानें तो दिल्ली में इसी महीने पीआईबी की बैठक होनी है. इसमें ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा जाएगा. माना जा रहा है कि इसे मंजूरी मिलेगी. इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके लिए यूपीएमआरसी ने पहले से होमवर्क शुरू कर दिया है अब निर्माण के लिए इसी महीने पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की मंजूरी मिल सकती है. इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी मिल गई है. नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने भी परियोजना को हरी झंडी दिखाई है.