बस्ती में करोड़ों की जमीन पर विवाद, पुलिस की हुई तैनाती

बस्ती में करोड़ों की जमीन पर विवाद, पुलिस की हुई तैनाती
बस्ती में करोड़ों की जमीन पर विवाद, पुलिस की हुई तैनाती

उत्तर प्रदेश: बस्ती जिले के प्रसिद्ध मालवीय रोड पर स्थित एक बहुमूल्य जमीन को लेकर तनावपूर्ण हालात उत्पन्न हो गए हैं. इस संपत्ति की कीमत करोड़ों में आँकी जा रही है, और वर्तमान में यह विवाद दो पक्षों के बीच गहराता जा रहा है. पूनम त्रिपाठी नामक महिला का दावा है कि उन्होंने इस जमीन को विधिवत खरीदा है और उनके पास इसके रजिस्टर्ड बैनामे के वैध दस्तावेज भी मौजूद हैं. वहीं दूसरी ओर, प्रकाश चंद श्रीवास्तव इस जमीन को अपने पूर्वजों की विरासत बता रहे हैं. दोनों पक्षों के तीखे आरोप-प्रत्यारोप के कारण क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बल को विवादित स्थल पर चौबीसों घंटे तैनात कर दिया गया है.

बुधवार 4 जुन को राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से बातचीत की, ताकि विवाद को सुलझाया जा सके. परंतु घंटों चली बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया. अधिकारियों की मध्यस्थता के बावजूद कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिखा. दोनों पक्षों के बीच संघर्ष की आशंका बनी हुई है, जिस कारण प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. स्थानीय लोगों का कहना है कि विवाद के कारण क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है. यह विवाद तब और बढ़ गया जब पूनम त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद विपक्षियों ने पुलिस की मौजूदगी में उनके निर्माणाधीन मकान की दीवार को बुलडोजर से ढहा दिया. उन्होंने इसे पूरी तरह से गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही बताया है.

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पूनम का कहना है कि उनके वैध दस्तावेजों की अवहेलना की जा रही है और कानून की आंखों के सामने अन्याय किया गया है. दूसरी ओर, प्रकाश चंद श्रीवास्तव ने पलटवार करते हुए कहा कि पूनम जिस बैनामे का जिक्र कर रही हैं, वह जाली और फर्जी है. उन्होंने मांग की कि दस्तावेजों की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और सत्य को उजागर किया जाए. पूरा मामला अब उच्चाधिकारियों की निगरानी में जांच किया जा रहा है. इस बीच, पूनम त्रिपाठी ने साफ शब्दों में कहा है कि वह किसी भी प्रकार के समझौते के लिए तभी तैयार होंगी जब उनकी गिराई गई दीवार की जिम्मेदारी तय की जाए और मारपीट तथा तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और प्रशासन को निष्पक्ष रुख अपनाना चाहिए. पूरे घटनाक्रम पर स्थानीय लोगों और प्रशासन की निगाहें टिकी हुई हैं. अब देखना यह होगा कि न्याय व्यवस्था इस भूमि विवाद में असली मालिक किसे मानती है.

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