यूपी में खत्म होंगे 45 हज़ार पद? जाने पूरी सच्चाई

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सिंचाई विभाग में कई पदों को समाप्त करने के निर्णय के विरोध में कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा. बुधवार को सिंचाई विभाग के संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से तत्काल आदेश वापस लेने की मांग की.
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना आदेश वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. उन्होंने 20 जून को प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन और उसके बाद आमरण अनशन की घोषणा भी की.
सत्यओम प्रजापति, नलकूप खंड संयोजक ने कहा, "सरकार एक ओर तो किसान हितैषी होने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसे फैसले ले रही है जो सीधे-सीधे किसानों की रीढ़ तोड़ने का काम कर रहे हैं. अगर नहरों का संचालन ठप हो गया, तो खेतों तक पानी कैसे पहुंचेगा? इससे खेती चौपट हो जाएगी."

इस प्रदर्शन में शारदा नहर खंड संयोजक विवेक कुमार मिश्रा, विश्वनाथ प्रताप सिंह, अनिल कुमार, भगवानदास वर्मा, सुभाष चंद्र, जितेंद्र सिंह, सुरेश मिश्रा, राकेश कुमार सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने शासनादेश तत्काल वापस लेने और सभी रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग की. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो कर्मचारी आंदोलन को और उग्र रूप देंगे.