यूपी में बदलेगा मौसम, आंधी-बारिश से गर्मी से मिलेगी राहत

उत्तर प्रदेश में पिछले रविवार 13 अप्रैल को आई तेज आंधी और मूसलाधार बारिश के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है. तापमान में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है और चटक धूप के कारण खेतों में गिरी फसल को किसान उलट-पलट कर सुखाने और मड़ाई के काम में तेजी से जुट गए हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक, आगामी दो से तीन दिनों के भीतर फिर से तेज आंधी और बारिश के आसार बन रहे हैं. ऐसे में किसानों को गेहूं की कटाई और मड़ाई का काम जल्द से जल्द पूरा करना होगा, वरना फिर से बारिश होने पर फसल को भारी नुकसान हो सकता है.
बुधवार की चिलचिलाती धूप ने किया बेहाल
बुधवार 16 अप्रैल को दिन भर तेज धूप और गर्मी ने आम जनजीवन को काफी प्रभावित किया. कृषि विज्ञान केंद्र, बेजवां के मौसम विशेषज्ञ सर्वेश बरनवाल ने बताया कि देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में लगातार बढ़ रहे तापमान ने पूर्वांचल में वायुमंडलीय दबाव को असामान्य रूप से प्रभावित किया है, जिसकी वजह से स्थानीय स्तर पर आंधी, वर्षा और ओलावृष्टि जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं.
आगे भी रहेगा मौसम का उतार-चढ़ाव
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में मौसम की चाल अनिश्चित बनी रहेगी. तेज धूप के साथ-साथ आंधी और बूंदाबांदी की स्थिति कभी भी बन सकती है. ऐसे में किसानों और आम लोगों को सावधान रहने की ज़रूरत है. मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह अधिकतम तापमान करीब 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.
किसानों के लिए जरूरी सलाह
मौसम विशेषज्ञों ने किसानों को विशेष रूप से चेतावनी दी है कि वे खेतों में रखे भूसे को तिरपाल या किसी मजबूत ढकने वाले साधन से सुरक्षित रखें, ताकि बारिश होने पर वह खराब न हो. साथ ही गेहूं की मड़ाई के कार्य को जल्द से जल्द पूरा कर लें, क्योंकि खराब मौसम के चलते कटाई के बाद की फसल को संभालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
फिलहाल, पूर्वी हवाएं ही चल रही हैं और आगे भी यही स्थिति बनी रहने की संभावना है. हवा की दिशा और गति में स्थिरता के कारण गर्मी का प्रभाव और बढ़ सकता है.
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसानों में मौसम के इस अस्थिर मिजाज को लेकर चिंता गहराती जा रही है. जिन किसानों की फसल पहले ही बारिश में भीग चुकी है, वे अब उसे धूप में सुखाने की कोशिश कर रहे हैं. मगर मौसम के फिर बिगड़ने की चेतावनी से उनकी मेहनत पर पानी फिरने का खतरा मंडरा रहा है.