Uttar Pradesh: 33 करोड़ रुपए से रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत

Uttar Pradesh: 33 करोड़ रुपए से रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत
33 करोड़ रुपए से रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत

देश के प्रमुख रेलमार्ग दिल्ली-कोलकाता पर मौजूद उत्तर प्रदेश के इटावा रेलवे जंक्शन का रूप अगले वर्ष एक नए अवतार में देखने को मिलेगा। केंद्रीय रेल मंत्रालय ने पूरे देश में अमृत योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों के विकास और सुधार के लिए कदम उठाए हैं। इसी क्रम में, इटावा रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण 33 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। 

इस परियोजना का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और स्टेशन की आधुनिकता को बढ़ाना है। रेलवे मंत्रालय ने इस योजना को तेजी से लागू करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है, जिससे यात्रियों को एक नई और सुखद यात्रा का अनुभव मिल सकेगा। इटावा रेलवे स्टेशन के विकास से न केवल स्थानीय लोगों को लाभ होगा, बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। इस प्रकार की योजनाएं भारतीय रेलवे के समग्र विकास और यात्रियों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।

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अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत इटावा रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण किया जा रहा है, जिसके लिए लगभग 33 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्वपूर्ण परियोजना की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। इस योजना के तहत इटावा स्टेशन के पुनर्निर्माण का उद्घाटन वर्ष 2023 में किया गया था।

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इस परियोजना के पूरा होने के बाद इटावा रेलवे स्टेशन में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा। स्टेशन को शहर के सिटी सेंटर के रूप में निर्मित किया जाएगा, यहां पर फूड प्लाजा, शॉपिंग जोन, फूड कोर्ट मौजूद होंगे। स्थानीय निवासियों और यात्रियों को उम्मीद है कि नया स्टेशन शहर की पहचान को और भी मजबूत करेगा और यातायात की सुविधाओं को बेहतर बनाएगा। इस योजना से न केवल इटावा का विकास होगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी सहायता प्रदान करेगा।

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देश में 16 अप्रैल 1853 को पहली बार बंबई (जिसे अब मुंबई के नाम से जाना जाता है) से ठाणे के लिए ट्रेन का संचालन शुरू हुआ था। इसके बाद इटावा में साल 1861 में रेलवे लाइन बिछाई गई, जो कि उस समय का एक महत्वपूर्ण विकास था। इटावा रेलवे स्टेशन को 2015 में जंक्शन का दर्जा प्राप्त हुआ, जिससे इसकी महत्वता और भी बढ़ गई।

कोरोना काल के पश्चात, इटावा स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए कई सुधार किए गए हैं। स्टेशन पर तीन नए लिफ्ट लगाए गए हैं, जो विशेष रूप से वृद्ध, दिव्यांग और असहाय लोगों के लिए बहुत मददगार साबित हो रहे हैं। इसके अलावा, प्लेटफार्म पर कोच इंडीकेटर भी लगाए गए हैं, जो यात्रियों को सही समय पर अपने कोच की जानकारी प्रदान करते हैं। प्लेटफार्म नंबर एक से लेकर दो, तीन, चार और पांच तक की सुविधाओं में सुधार किया गया है, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर अनुभव मिल सके। इन सभी परिवर्तनों के साथ, इटावा स्टेशन अब यात्रियों के लिए एक अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित स्थान बन चुका है, जो कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

स्टेशन पर लगभग 64 जोड़ी ट्रेनों का स्टॉपेज है। हर दिन लगभग 13 हजार से ज्यादा यात्री इस स्टेशन से सफर करते हैं। इटावा से नई दिल्ली और कानपुर के रेलवे ट्रैक पर सबसे अधिक ट्रेनों का आना-जाना लगा रहता हैं। एक ट्रैक मैनपुरी की ओर जाता है, जबकि दूसरा ट्रैक उदी, बाह, बटेश्वर के रास्ते आगरा की ओर जाता है। वर्तमान में, इटावा से सीधे ग्वालियर, झांसी के अतिरिक्त कोटा को भी ट्रेन सेवा मिलने लगी है। रेलवे स्टेशन से पांच सौ मीटर की दूरी पर मौजूद 28 बी रामनगर क्षेत्र में भी ट्रेन सेवाएं चालू की गई हैं।

उमेश चन्द्र जोशी जो की उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक हैं उन्होंने इटावा रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत रेलवे योजना के तहत चल रहे विकास कार्यों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय रेलवे अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए कि सभी योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर, यानी साल 2025 तक, हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए।

महाप्रबंधक जोशी ने कहा कि यह आवश्यक है कि इटावा रेलवे स्टेशन की सुविधाओं में सुधार किया जाए ताकि यात्री सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव कर सकें। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे योजनाओं की प्रगति पर नियमित रूप से नजर रखें और किसी भी प्रकार की बाधाओं को तुरंत दूर करें। 

इस निरीक्षण के दौरान जोशी ने स्टेशन पर चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी ली और अधिकारियों को प्रेरित किया कि वे अपने कार्यों में तेजी लाएं। उनका यह कदम इटावा रेलवे स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।

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