यूपी के इन शिक्षकों का बढ़ा मानदेय, मिलेंगे अब इतने रुपए
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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संस्कृत शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेशभर के संस्कृत शिक्षकों का मानदेय 40 प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया है. यह कदम राज्य सरकार की तरफ से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है.
योगी सरकार ने संस्कृत शिक्षकों का मानदेय 40% बढ़ाया
संस्कृत एक प्राचीन और महत्वपूर्ण भाषा हैए जिसे भारतीय संस्कृति और धार्मिक ग्रंथों का अभिन्न हिस्सा माना जाता है. हालांकि पिछले कुछ दशकों में संस्कृत शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा था और संस्कृत शिक्षकों को उचित सम्मान और मानदेय नहीं मिल रहा था. इस संदर्भ में योगी सरकार ने संस्कृत शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है. इस फैसले के तहत प्रदेशभर के संस्कृत शिक्षकों के वेतन में 40 प्रतिशत का इजाफा किया गया है. सरकार का मानना है कि इस कदम से संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और शिक्षकों को प्रोत्साहन मिलेगा. जिससे वे अधिक मेहनत और समर्पण के साथ अपने कार्य को अंजाम देंगे।
इससे संस्कृत के महत्व को भी समाज में स्थापित करने में मदद मिलेगी. योगी सरकार ने संस्कृत शिक्षकों का मानदेय बढ़ा दिया है. गुरुवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में पूर्व मध्यमा (हाई स्कूल) शिक्षकों का 8 हजार और उत्तर मध्यमा (इंटरमीडिएट) के शिक्षकों का 10 हजार रुपए मानदेय बढ़ाने का फैसला हुआ है. पूर्व मध्यमा के शिक्षकों को अब तक 12 हजार मिलते थे, जिसे बढ़ाकर 20 हमार प्रतिमाह कर दिया गया है. उत्तर मध्यमा के शिक्षकों को प्रतिमाह 15 हजार रुपए मिलते थे, जिसे बढ़ाकर 25 हजार प्रतिमाह कर दिया गया है। सरकार ने मानदेय पर कार्य कर रहे इन शिक्षकों को दो वर्षों का सेवा विस्तार देने का भी निर्णय किया है. इसके तहत संस्कृत शिक्षकों का कार्यकाल 2025 से 2027 तक की अवधि के लिए अर्थात दो सालों के लिए बढ़ा दिया गया है.
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संस्कृत शिक्षकों की स्थिति और सरकार का निर्णय
योगी सरकार का यह निर्णय संस्कृत शिक्षा को एक नई दिशा देने के रूप में देखा जा रहा है. जहां एक ओर संस्कृत शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने से उनके मनोबल में वृद्धि होगीए वहीं दूसरी ओर यह छात्रों को संस्कृत सीखने के लिए प्रेरित करेगा. इससे राज्य में संस्कृत के प्रति जागरूकता और रुचि भी बढ़ सकती है. इसके अलावा यह कदम उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में समग्र सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. प्रदेश में बढ़ती हुई शिक्षकों की कमी और शिक्षा के स्तर में सुधार की आवश्यकता को देखते हुए यह निर्णय निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है. संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने मानदेय के आधार पर दो चरणों में शिक्षकों की भर्ती की थी. पहले चरण में 518 और दूसरे चरण में 850 शिक्षकों की भर्ती हुई थी. इस प्रकार से प्रदेश में कुल 1368 संस्कृत शिक्षक मानदेय पर कार्य कर हैं.
सरकार के इस निर्णय के बाद इन संस्कृत शिक्षकों को अप्रैल 2025 से ही बढ़े हुए मानदेय का लाभ मिलेगा. इन शिक्षकों की संविदा अवधि 31 मार्च 2025 को पूरी हो गई थी. इस प्रकार से संविदा अवधि को भी दो सालों (2025-26 और 2026-27) तक के लिए बढ़ा दिया गया है. वैशाली एक्सप्रेस बनकटा रेलवे स्टेशन पर तीन घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही. बाघ एक्सप्रेस मैरवा स्टेशन पर एक घंटे और बाद में बनकटा स्टेशन पर दो घंटे तक रुकी रही. फायर ब्रिगेड ने ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया. मामला भाटपार रानी थाना क्षेत्र के कटाई टिकर और खड़ेसर गांव का है. देवरिया में किसानों ने खेत में रखे गेहूं के डंठल में आग लगा दी. तेज हवा के कारण आग रेलवे ट्रैक तक पहुंच गई. ग्रामीणों ने भाटपार रानी पुलिस और एसडीएम को सूचना दी. सुरक्षा कारणों से छपरा-गोरखपुर रेलखंड पर यातायात रोक दिया गया.