यूपी का यह रेलवे स्टेशन 150 साल से भी ज्यादे पुराना, अब करोड़ों रुपए से बन रहा नया!
.png)
उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन इस वर्ष अपनी 151वीं वर्षगांठ मना रहा है. यह रेलवे स्टेशन न केवल यात्रा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. बल्कि यह ब्रिटिश काल की वास्तुकला और भारत में रेल यातायात के आरंभिक दौर की ऐतिहासिक गाथा भी अपने भीतर समेटे हुए है. यह स्टेशन भारतीय रेलवे के विकास की कहानी का एक अहम अध्याय है.
151 वर्ष का हुआ यूपी का ये रेलवे स्टेशन
इस स्टेशन की स्थापना 1873 में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान हुई थी. उस समय रेलवे को भारत में एक रणनीतिक और व्यापारिक साधन के रूप में विकसित किया जा रहा था. अंग्रेजों ने रेल नेटवर्क को इस तरह फैलाया कि उससे कच्चा माल बंदरगाहों तक पहुँचाया जा सके और सैनिकों की आवाजाही भी सुगम हो. इस स्टेशन को बनाने का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ यात्रियों की आवाजाही सुनिश्चित करना था. बल्कि ब्रिटिश व्यापारिक हितों को बढ़ावा देना भी था. स्टेशन का निर्माण ब्रिटिश आर्किटेक्चर शैली में किया गया था. ऊँची छतें, लाल ईंटों की दीवारें, विशाल बरामदे और लोहे के मजबूत ढांचे इसकी पहचान हैं.
आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन का 151वां स्टेशन महोत्सव रविवार को मनाया गया. स्टेशन के समृद्ध इतिहास और उसके महत्व की जानकारी एलईडी पर वीडियो और पुराने चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित की गई. वर्ष 1874 में बने आगरा फोर्ट स्टेशन का सुंदरीकरण करीब 15.4 करोड़ रुपये से किया जा रहा है. यहां यात्रियों को उच्च स्तरीय सुविधाएं, डिजिटल डिस्प्ले, प्रतीक्षालय, यात्री सुरक्षा व स्वच्छता संबंधित काम किए जा रहे हैं. आगरा फोर्ट स्टेशन पर हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, विशिष्ट अतिथि उप्र के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, राज्यसभा सदस्य नवीन जैन और मंडल रेल प्रबंधक तेजप्रकाश अग्रवाल रहे. पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. स्टेशन महोत्सव पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया. रेलवे की सांस्कृतिक टीम ने स्टेशन के इतिहास पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. अपर मंडल रेल प्रबंधक प्रनव कुमार समेत स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य आदि मौजूद रहे.
Read Below Advertisement
आधुनिकता के साथ कदमताल
आजादी से पूर्व यह ब्रिटिश सेना व प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण लाजिस्टिक बेस था। आगरा में पहली मीटर गेज रेलवे लाइन भरतपुर से आगरा फोर्ट स्टेशन तक बनाई गई थी, जिसे राजपूताना रेलवे ने 11 अगस्त, 1873 में बनाया था. इसे वर्ष 1874 में दिल्ली से बांदीकुईं तक बढ़ाया गया था. यह देश के उन स्टेशनों में से एक है, जहां ब्राड और मीटर गेज दोनों लाइन हुआ करती थीं. आगरा फोर्ट स्टेशन पर रविवार को हुए स्टेशन महोत्सव को संबोधित करते केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल. मंचासीन हैं बाएं से मंडल रेल प्रबंधक तेजप्रकाश अग्रवाल,
राज्यसभा सदस्य नवीन जैन्, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, टीएन अग्रवाल। सौजन्य रेलवे मुगल और औपनिवेशिक स्थापत्य कला में बना है ब्रिटिश काल में बना आगरा फोर्ट स्टेशन राजपूताना-मालवा रेलवे के हिस्से में था. तब आगरा, राजस्थान व मध्य भारत के क्षेत्रों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण केंद्र था। रेड सैंड स्टोन से बने स्टेशन की वास्तुकला की विशेषता उसके बरामदे हैं. इसमें औपनिवेशिक और मुगल स्थापत्य कला का प्रभाव नजर आता है. आगरा फोर्ट स्टेशन दिल्ली, कोलकाता, मुंबई व दक्षिण भारत को जोड़ने वाले रेलवे मार्गों का प्रमुख केंद्र रहा है.