यूपी में इस रूट पर मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे,जांच हुई शुरू
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उत्तर प्रदेश: बुलंदशहर जिले के खुर्जा जंक्शन क्षेत्र में एक मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए. इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई और जांच के लिए रेलवे ने विशेष समिति गठित कर दी है.
उत्तर प्रदेश में स्थित बुलंदशहर के खुर्जा इलाके में बीती रात एक बड़ा रेल हादसा टल गया, जब एक मालगाड़ी अपने गंतव्य पर पहुंचते ही यार्ड क्षेत्र में पटरी से उतर गई. मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से पूरी तरह बाहर आ गए, जिससे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया. एसएसई (सीनियर सेक्शन इंजीनियर) विकास सिंह ने बताया कि हादसा देर रात उस समय हुआ जब मालगाड़ी टूंडला से चलकर खुर्जा यार्ड में प्रवेश कर रही थी. राहत की बात यह रही कि घटना मुख्य रेल ट्रैक पर नहीं बल्कि यार्ड में हुई, जिससे दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर किसी भी प्रकार का यातायात प्रभावित नहीं हुआ. आठ घंटे की कड़ी मेहनत और तकनीकी टीमों की तत्परता के चलते डिरेल हुए डिब्बों को दोबारा पटरी पर लाया गया. घटना की जानकारी मिलते ही प्रयागराज रेलवे मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया. अलीगढ़ के डीएसटीई (डिप्टी सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर) अनिल कुमार भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने दुर्घटना स्थल का गहन निरीक्षण किया.
अनिल कुमार ने बताया कि घटना के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच समिति का गठन कर दिया गया है, जो विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी. शुरुआती जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि डिब्बों के पहियों में तकनीकी गड़बड़ी के कारण यह हादसा हुआ. विकास सिंह के अनुसार, डिब्बों के लोहे के पहिए अलग हो गए थे, जिससे संतुलन बिगड़कर डिरेलमेंट हुआ. रेलवे सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, खुर्जा क्षेत्र पहले भी संवेदनशील रहा है. पिछले समय में दो बार वंदे भारत एक्सप्रेस पर असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इतना ही नहीं, एक बार कुछ अराजक तत्वों ने ट्रेन को पटरी से उतारने के उद्देश्य से रेलवे ट्रैक पर लोहे के टीके रख दिए थे. हालांकि समय रहते सतर्क कर्मचारियों ने बड़ी दुर्घटना को टाल दिया था. रेलवे प्रशासन ने तब नाइट पेट्रोलिंग बढ़ाने के दावे किए थे, लेकिन कुछ समय बाद सुरक्षा व्यवस्था फिर से ढीली पड़ती दिखाई दी.
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रेलवे अधिकारियों ने फिर से यह भरोसा दिलाया है कि अब यार्ड सहित मुख्य रेल मार्गों पर सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी. हादसे के मद्देनजर तकनीकी निरीक्षणों को भी तेज कर दिया गया है. साथ ही, ट्रेन चालकों और तकनीकी कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके. यात्रियों और मालगाड़ी परिचालन से जुड़े अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली कि हादसे में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. फिर भी इस घटना ने रेलवे विभाग को सतर्क कर दिया है और अब भविष्य में संरचनात्मक सुधारों पर विशेष ध्यान देने की तैयारी की जा रही है. रेलवे का मानना है कि नियमित रखरखाव, जांच और सुरक्षा उपायों को मजबूत कर ऐसे हादसों को रोका जा सकता है. रेलवे ने क्षेत्रीय स्तर पर स्थानीय पुलिस से भी सहयोग मांगा है ताकि रेलवे संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके. विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में नाइट पेट्रोलिंग को नियमित किया जाएगा और रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों की मदद लेने पर भी विचार किया जा रहा है.