यूपी के आने वाले 5 सालों में निर्यात में आएगी तेजी! सीएम ने बनाया प्लान
.png)
उत्तर प्रदेश जो पहले अपने विशाल जनसंख्या और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता था. अब एक नए विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। राज्य सरकार की रणनीतियाँ और केंद्रीय योजनाओं का सही समन्वय उत्तर प्रदेश को 2030 तक भारत का एक्सपोर्ट का राजा बनाने के रास्ते पर हैं। इसके लिए राज्य ने कई पहल की हैं. जिनका उद्देश्य न केवल व्यापारिक अवसरों को बढ़ावा देना है. बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को भी सुधारना है.
2030 तक एक्सपोर्ट का राजा बन जाएगा उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापारिक और औद्योगिक नीतियों को आकर्षक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. राज्य सरकार द्वारा ष्उत्तर प्रदेश उद्योग नीति 2022 को पेश किया गया है. जिसका उद्देश्य राज्य में निवेश को आकर्षित करना और उत्पादन क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है. इस नीति में खासतौर पर निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सुविधाएं और प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं. सरकार ने उद्योगों के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, टैक्स प्रोत्साहन, और फाइनेंसिंग की व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में भी काम किया है. जिससे व्यापारियों और निर्यातकों को आसानी से काम करने का अवसर मिल सके. उत्तर प्रदेश ने 2030 तक अपने निर्यात को तीन गुना बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कई महत्वपूर्ण पहल की हैं. यह राज्य को वैश्विक व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है. सरकार की ओडीओपी योजना, चमड़े और जूतों के निर्यात नीति, और एमएसएमई क्षेत्र के विकास के कारण यूपी में व्यापार करने के अवसर बढ़े हैं.
इसके अलावा नई निर्यात नीति और बुनियादी ढांचे के विकास से राज्य में निवेश आकर्षित होगा, जिससे यह “निर्यात का राजा” बनने की दिशा में मजबूती से बढ़ सकता है. अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के कारण, भारत के एमएसएमई क्षेत्र को वैश्विक बाजार में अपना हिस्सा बढ़ाने का अवसर मिल सकता है. वर्तमान में, चीन अमेरिका को 148 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के सामान निर्यात करता है, जबकि भारत की हिस्सेदारी केवल 2ः है. यूपी की एमएसएमई इकाइयां इस अवसर का पूरा लाभ उठा सकती हैं. भारत के सबसे बड़े राज्यों में शुमार उत्तर प्रदेश आने वाले 5 सालों में निर्यात का राजा बन जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने 2030 तक राज्य के निर्यात को तीन गुना बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए यूपी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. विशेष रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध ने यूपी के लिए एक अवसर पैदा किया है, जिसे राज्य सरकार अपने लाभ में बदलने की योजना बना रही है. बुनियादी ढांचे का विकासरू यूपी सरकार एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डों और आंतर-राज्यीय जलमार्गों जैसी प्रमुख बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दे रही है. इससे व्यापारियों के लिए यूपी में व्यापार करना आसान होगा.
Read Below Advertisement
सीएम योगी ने बनाया तगड़ा प्लान
एमएसएमई के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमरू यूपी में 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां हैं. सरकार इन इकाइयों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती है, जिससे निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. चमड़े और जूतों का निर्यातरू यूपी पहले से ही चमड़े और जूतों के निर्यात में अग्रणी है. सरकार ने इस क्षेत्र में एक समर्पित नीति तैयार की है, जिससे कानपुर, उन्नाव, और आगरा जैसे शहरों को लाभ होगा. कानून व्यवस्था और कुशल कार्यबलरू यूपी सरकार अपनी बेहतर कानून व्यवस्था, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और प्रचुर कुशल कार्यबल के साथ राज्य को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही है. ओडीओपी योजना का सफल क्रियान्वयन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “एक जिला एक उत्पाद”योजना की सफलता पर जोर दिया है.
इसके चलते यूपी के निर्यात में एक महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है. ओडीओपी योजना के कारण, राज्य का निर्यात 88,967 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में आयोजनरू यूपी सरकार, ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो आयोजित करती है. इस आयोजन में वियतनाम जैसे देशों का भागीदारी करने का प्रस्ताव है, जिससे राज्य के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जा सके. नई निर्यात नीतिरू इस नीति का उद्देश्य निवेश यूपी को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना है. जिससे निवेशकों को आसानी से राज्य में निवेश करने का अवसर मिले और विदेशी निवेश बढ़ सके. यूपी सरकार अब चीन से परिचालन हटाने की इच्छा रखने वाले व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए तैयार है. भारत और चीन के बीच के व्यापारिक तनाव के कारण कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां चीन से बाहर जाने का विचार कर रही हैं. यूपी सरकार ने ऐसे व्यवसायों को राज्य में निवेश करने के लिए एक नई निर्यात नीति तैयार करने का निर्णय लिया है.