अगर भारत-पाकिस्तान जंग हुई तो धोनी और सचिन भी उतरेंगे मैदान में? जानिए पूरी सच्चाई

पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। सीमाओं पर सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं और युद्ध की आशंका गहरा रही है। ऐसे माहौल में हर भारतीय के मन में एक सवाल उठ रहा है — क्या क्रिकेट के मैदान में भारत का परचम लहराने वाले धोनी और सचिन तेंदुलकर जंग के मैदान में भी तिरंगा फहराते नजर आएंगे?
महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर दोनों ही भारतीय सशस्त्र बलों से जुड़े हुए हैं। धोनी को 2011 में टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। उन्होंने 2019 में कश्मीर में 106 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन के साथ समय बिताया था, जहां उन्होंने गश्त और अन्य सैन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लिया था। धोनी को विशेष रूप से इसीलिए तैयार किया गया था कि आपातकालीन स्थिति में वे देश की रक्षा में योगदान दे सकें।
वहीं, सचिन तेंदुलकर को 2010 में भारतीय वायुसेना में मानद ग्रुप कैप्टन की रैंक से सम्मानित किया गया था। उनकी भूमिका मुख्य रूप से प्रतीकात्मक रही है और वे सेना के प्रचार और युवाओं को प्रेरित करने के लिए सक्रिय रहे हैं। हालांकि सचिन का युद्ध के मैदान में उतरने की संभावना काफी कम है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर उनके योगदान से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
इसके अलावा, भारत को पहला वर्ल्ड कप दिलाने वाले कपिल देव को भी टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। वे सेना के ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करते हैं, हालांकि सक्रिय सैन्य प्रशिक्षण में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया।
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इसलिए, धोनी, सचिन तेंदुलकर और कपिल देव जैसे सितारों का युद्ध के मैदान में सक्रिय भागीदारी की संभावना बेहद कम है। लेकिन अगर हालात बहुत गंभीर हुए और जरूरत पड़ी, तो भारतीय सेना की नीतियों के अनुसार, विशेष परिस्थितियों में इनकी भूमिका तय की जा सकती है।
कुल मिलाकर, देश का हर नागरिक अपने-अपने तरीके से भारत की सेवा के लिए तैयार है। चाहे वह क्रिकेट का मैदान हो या जंग का मैदान, भारतीय सितारे हर मोर्चे पर देश का गौरव बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।