UPSC Results 2024: यूपी के इन मेधावियों ने लहराया परचम, प्रयाग से लखनऊ तक के स्टूडेंट्स की ये है रैंक, देखें लिस्ट
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यूपीएससी संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. लाखों अभ्यर्थी हर साल इस परीक्षा में भाग लेते हैं. लेकिन केवल कुछ ही लोग सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँच पाते हैं. क्या है इस सफलता का राज आइए जानते हैं।
सही रणनीति और स्मार्ट स्टडी
सफल अभ्यर्थी सबसे पहले अपने लक्ष्य को स्पष्ट करते हैं. वे जानते हैं कि उन्हें क्या चाहिए और क्यों चाहिए. यही स्पष्टता उन्हें कठिन समय में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है. यूपीएससी की तैयारी कोई एक दिन का काम नहीं है। यह एक लंबी और धैर्यपूर्ण यात्रा है. सफल उम्मीदवार रोज़ाना एक तयशुदा समय पर पढ़ाई करते हैं और बिना रुके लगातार मेहनत करते हैं. यूपीएससी ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2024 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया. लखनऊ के कुमुद मिश्र को 69वीं रैंक मिली है. टॉप 10 में लखनऊ के किसी मेधावी को स्थान नहीं मिला है. पिछले साल शहर के आदित्य श्रीवास्तव ने ऑल इंडिया टॉप पर लखनऊ का परचम लहराया था.
हर टॉपर्स की अपनी रणनीति होती है, लेकिन कुछ चीजें समान होती हैं जैसे सिलेबस की अच्छी समझ, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण, और समय प्रबंधन। वे स्मार्ट वर्क पर भी उतना ही ध्यान देते हैं जितना हार्ड वर्क पर. सफल अभ्यर्थी अपने अंदर से प्रेरणा लेते हैं. विफलता उन्हें रोक नहीं पाती क्योंकि उनका विश्वास अटूट होता है. वे मानसिक रूप से तैयार होते हैं कि ये सफर आसान नहीं होगा. पर नामुमकिन भी नहीं. लखनऊ से प्रशांत सिंह ने ऑल इंडिया 102 वीं रैंक हासिल कर चौथे प्रयास में सफलता हासिल की. सफलता से उत्साहित प्रशांत ने अपने सक्सेस मंत्रा शेयर करते हुए कहा कि सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं है. ईमानदारी से मेहनत कीजिए और असफल होने पर भी हार न मानिए आपको कामयाबी जरूरी मिलेगी.
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सपनों को हासिल करने के लिए नींद नहीं, जुनून चाहिए
आजकल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में बेहतरीन संसाधन मौजूद हैं. टॉपर्स सही गाइड, किताबें और प्लेटफ़ॉर्म का चयन करते हैं और अनावश्यक सामग्री से दूरी बनाते हैं. यूपीएससी की परीक्षा केवल ज्ञान की नहीं. बल्कि धैर्य, समर्पण और मानसिक मजबूती की परीक्षा है. सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, लेकिन सही दिशा, निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास से मंज़िल ज़रूर मिलती है. यहां सही रणनीति और स्मार्ट स्टडी, पर केंद्रित एक संपूर्ण और प्रेरणादायक लेख है. जो खासकर यूपीएससी जैसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए लिखा गया है आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में केवल मेहनत ही काफी नहीं है.
स्मार्ट स्टडी और सही रणनीति ही वह रास्ता है जो एक साधारण छात्र को असाधारण सफलता दिला सकता है. खासकर यूपीएससी, एसएससी या अन्य सरकारी परीक्षाओं में समय का सही उपयोग, सही दिशा में मेहनत, और एक ठोस प्लानिंग से ही जीत संभव है. प्रशांत की स्कूली शिक्षा सीएमएस अलीगंज शाखा से हुई। स्नातक दिल्ली विश्वविद्यालय से किया. प्रशांत के पिता सुशील सिंह सरकारी सेवा में हैं. मां कनकलता गृहणी हैं. वह जौनपुर जिले के खलीलपुर गांव के मूल निवासी हैं. घर में एक छोटी और एक बड़ी बहन हैं. वह भी प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही हैं. प्रशांत ने कहा कि मैं आईएएस बनने का ख्वाब बुन रहे युवाओं से कहूंगा कि मेहनत ईमानदारी से करें, वही सफलता दिलाएगी.
प्रदेश के इन मेधावियों ने मेरिट में बनाई जगह
कुमुद मिश्र को 69 रैंक - (लखनऊ)
शगुन कुमार को 100वीं रैंक - (हापुड़)
मयंक बाजपेई को 149 रैंक - - सीतापुर
आयुष जायसवाल को 178 - (बरेली)
अदिति दुबे की 180 रैंक-
सौम्य शर्मा - 218 रैंक- प्रतापगढ़
आंचल आनंद - 399 रैंक- गौतमबुद्ध नगर
अश्वनी शुक्ला की 423 रैंक - जालौन
उदित कुमार सिंह - 668 रैंक -
दिशा द्विवेदी - 672 रैंक लखनऊ (सुल्तानपुर)
मनीष कुमार - 748 रैंक- लखनऊ
हिमांशु मोहन - 821 रैंक
नैंसी सिंह - 970 रैंक - लखनऊ