यूपी का यह स्टेशन बनेगा सबसे बड़ा, 100 ट्रेनों का होगा संचालन
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गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थित ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक रेलवे टर्मिनल बनाने की योजना है. इस परियोजना को मल्टी.मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा. जिसमें रेलवे मेट्रो और बस टर्मिनल को एकीकृत किया जाएगा. इससे यात्री सुविधाओं में अभूतपूर्व वृद्धि होगी और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा.
गौतमबुद्ध नगर में बनेगा WEST UP का सबसे बड़ा स्टेशन
ग्रेटर नोएडा और नोएडा का तेजी से हो रहा विकास इस परियोजना की आवश्यकता को और भी प्रासंगिक बनाता है. यह मल्टी.मॉडल ट्रांसपोर्ट हब न केवल यात्री सुविधाओं में वृद्धि करेगा. बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी योगदान देगा. उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बोड़ाकी गांव में एक अत्याधुनिक मल्टी.मॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किया जा रहा है. जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक यात्री परिवहन केंद्र बनेगा। यह परियोजना राज्य सरकार की व्यापक योजना का हिस्सा है. जिसका उद्देश्य विभिन्न परिवहन माध्यमों को एकीकृत करके यात्री सुविधाओं में सुधार करना है. गौतमबुद्ध नगर में बनने वाला रेलवे स्टेशन ग्रेटरनोएडा टर्मिनल के नाम से जाना जाएगा। इसे "esxk"k~ टर्मिनल के रूप में नामित किया गया है. यहां से वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा सहित 100 ट्रेनों के संचालन किया जाएगा.
ये टर्मिनल 176 हेक्टेयर के मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब ¼MMTH½ का हिस्सा होगा. टर्मिनल 46 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा. जिसमें 12 प्लेटफॉर्म और रखरखाव के लिए 63 यार्ड लाइनें होंगी। स्टेशन का डिजाइन बहुस्तरीय होगा. आंनद विहार और आईएसबीटी का भार होगा कम पूरी साइट को दो जोन में बांटा जाएगा. जोन-फर्स्ट, 130 हेक्टेयर में फैला हुआ है. जिसमें ISBT], स्थानीय बस टर्मिनल, मेट्रो स्टेशन और व्यवसायिक क्षेत्र होंगे. जोन-सेकेंड, 46 हेक्टेयर में फैला हुआ है। जिसमें रेलवे टर्मिनल और उससे जुड़े व्यवसायिक विकास को शामिल किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि डडज्भ् को भविष्य के लिए तैयार ट्रांजिट गेटवे के रूप में देखा गया है और यह दिल्ली में आनंद विहार रेलवे स्टेशन और ISBt~ जैसे मौजूदा केंद्रों पर भीड़भाड़ कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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ग्रेटर नोएडा मेगा टर्मिनल होगा नाम
यह मल्टी.मॉडल ट्रांसपोर्ट हब दिल्ली.एनसीआर क्षेत्र का सबसे व्यस्त यात्री परिवहन केंद्र बनने की संभावना है. इससे न केवल यात्री सुविधाओं में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा. लॉजिस्टिक हब के माध्यम से माल परिवहन की प्रक्रिया में सुधार होगा. जिससे व्यापारिक गतिविधियाँ और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. MMTHk~ के लिए मास्टर प्लान वर्तमान में DMIC& IITGNl द्वारा तैयार किया जा रहा है. एसपीवी अंतिम रूप देने के बाद राज्य सरकार की मंजूरी के लिए खाका पेश करेगी. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भारतीय रेलवे ही बुनियादी ढांचे के निर्माण की देखरेख करेगा, वहीं एसपीवी परियोजना की वित्तीय लागत वहन करेगा. कोच रखरखाव यार्ड, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) जैसे प्रमुख घटक भी विकसित किए जाएंगे.
MMTHk~ दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ¼DMIC½ की एक शुरुआती परियोजना है। जिसमें एक ISBt~ और एक मेट्रो स्टेशन भी शामिल है. ये मेट्रो और टर्मिनल ग्रेटर नोएडा, नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ¼NCR½ के अन्य हिस्सों से आने-जाने वाले यात्रियों को यहां तक लाएगा. इस हब के बीच में ग्रेटर नोएडा टर्मिनल होगा. ये एक मॉडर्न रेलवे स्टेशन होगा। जिसका बिल्टअप एरिया 70,000 वर्ग मीटर होगा. शुरुआत में इसकी लागत करीब 1,850 करोड़ थी. अब इसे बनाने में करीब दो गुना ज्यादा रकम खर्च करनी होगी. बता दे MMTHk~ को दिसंबर 2024 में एक विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि रेलवे अधिनियम के तहत अधिग्रहण तेजी से किया जाएगा. इस प्रक्रिया को दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा. MMTHk~ की कुल 176 हेक्टेयर लैंड में से रेलवे की जमीन ही एकमात्र हिस्सा है जिसका अधिग्रहण किया जाना बाकी है. शेष अधिकांश जमीन का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है. कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.