यूपी में बिजली विभाग का बड़ा फैसला, स्मार्ट मीटर नहीं लगवाया तो होगा एक्शन!
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उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा बदलाव आ गया है। अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन ने इस नई व्यवस्था की आधिकारिक शुरुआत कर दी है. यह कदम उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है.
UPPCL चेयरमैन ने कर दी शुरुआत
प्रीपेड स्मार्ट मीटर एक ऐसा आधुनिक मीटर होता है जिसमें उपभोक्ता पहले से बिजली के लिए रिचार्ज करता है और फिर उसका उपयोग करता है. ठीक वैसे ही जैसे हम मोबाइल में रिचार्ज करते हैं. इससे उपभोक्ताओं को बिजली की खपत पर नियंत्रण रखने में आसानी होगी और बिल को लेकर आने वाली परेशानियाँ भी कम होंगी. लखनऊ में प्रीपेड मोड वाले स्मार्ट मीटर की सुविधा अब उपभोक्ताओं को मिलने जा रही. उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के चेयरमैन आशीष गोयल ने अपने आवास पर प्रदेश का पहला प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगवाकर इसकी शुरुआत की. प्रदेश में तीन करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के यहां इन मीटरों को लगाया जाना है. इनके लगने के बाद गलत बिल आने की आशंका पर विराम लगेगा.
प्रीपेड मोड वाला स्मार्ट मीटर एक क्लिक के माध्यम से रीचार्ज किया जा सकता है. यह उपभोक्ताओं को रियल-टाइम डेटा प्रदान करता है, जिससे वे अपनी दैनिक ऊर्जा खपत की निगरानी और नियंत्रण कर सकते हैं. विभाग का दावा है कि इससे गलत बिजली बिल की संभावना खत्म हो जाती है. स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बिजली कटौती की जानकारी पहले से उपलब्ध कराता है और लोड मैनेजमेंट की सुविधा भी देता है, जिससे अधिक खपत होने पर अलर्ट मिलता है. सूचना आयोग के सचिव आइएएस अभय सिंह ने सूचना आयोग भवन में स्मार्ट मीटर इंस्टाल कराने के बाद कहा कि यह प्रयास उपभोक्ताओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम है. उनकी सहूलियतें निश्चित रूप से बढ़ेंगी. यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने कहा कि यह योजना उपभोक्ताओं को सशक्त बनाएगी. अब किसी तरह की बिलिंग में गड़बड़ी की संभावना न के बराबर होगी. उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआत में यह व्यवस्था शहरी इलाकों में लागू की जा रही है. इसके बाद इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार दिया जाएगा.
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अब तो लगाना ही पड़ेगा प्रीपेड स्मार्ट मीटर
प्रदेश में कुल 3,09,78000 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं, जिनमें से अब तक 28 लाख 45 हजार 274 से अधिक उपभोक्ताओं के यहांमीटर इंस्टाल किए जा चुके हैं. इससे पहले भी राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, भाजपा एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा, भाजपा विधायक रमेश जायसवाल, विधायक ओपी श्रीवास्तव, विधायक योगेश शुक्ला, विधायक अजीत पाल त्यागी, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ईशा दुहन आदि कई अपने घरों पर स्मार्ट मीटर लगवा चुके हैं. प्रदेश में चल रही स्मार्ट मीटर योजना के तहत अब स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में भी लाया गया है.
22 अक्टूबर 2024 को यूपीपीसीएल के चेयरमैन के गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास पर स्मार्ट मीटर लगाया गया था. बुधवार को इसके स्थान पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा दिया गया. चेयरमैन ने कहा कि स्मार्ट मीटर समय की मांग है, जो सटीक रीडिंग बताता है. यह पूरी तरह से निश्शुल्क है व इसमें हर माह रीडिंग भी नहीं करवानी पड़ती है. हमारा लक्ष्य है कि जल्द ही हर घर में स्मार्ट मीटर लग जाए. यह योजना न केवल बिजली वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि बिजली चोरी जैसी समस्याओं को भी समाप्त करेगी. वर्तमान में प्रदेश के सभी सरकारी भवनों पर स्मार्ट मीटर इंस्टाल करवाए जा रहे हैं. डीएम मुराबादाबाद, मुरादाबाद आइजी दफ्तर, एसपी आफिस मुराबादाबाद, डीएम बुलंदशहर, पुलिस कंट्रोल रूम बुलंदशहर, सीएमओ आफिस बिजनौर, डीएम अमरोहा, डिस्ट्रिक्ट जज अमरोहा, सीडीओ अमरोहा, मेयर बरेली व राज्य सूचना आयोग के दफ्तर पर स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है.