योगी सरकार के 11 नये बड़े फैसले, जानें- आप की रोजमर्रा की जिंदगी पर कैसे डालेंगे असर?
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उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग से जुड़ी एक बड़ी और मानवीय खबर सामने आई है. राज्य सरकार ने 1100 मृतक आश्रितों को नौकरी देने का निर्णय लिया है. जिससे वर्षों से नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हजारों परिवारों को राहत मिलने वाली है. यह फैसला न सिर्फ आर्थिक रूप से मददगार साबित होगा. बल्कि एक सामाजिक न्याय की दिशा में भी अहम कदम माना जा रहा है.
यूपी परिवहन में 1100 मृतक आश्रितों को नौकरी मिलेगी
सरकार ने हमारा दर्द समझा है. यूपी में परिवहन विभाग में 1100 से अधिक मृतक आश्रितों को नौकरी मिलेगी. योगी सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में गुरुवार को यह फैसला लिया. इसके अलावा 10 और प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई है. अब रिटायर्ड जजों और उनके परिजनों को कैशलेस मेडिकल सुविधा का लाभ मिलेगा. कैबिनेट ने धर्मार्थ कार्य विभाग के निदेशालय को बनारस से लखनऊ स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. विभाग के अधिकतर काम लखनऊ से होते हैं. निदेशालय बनारस में होने के कारण फाइलों को लाने-ले जाने और मीटिंग के लिए बार-बार लखनऊ आना पड़ता था, जिससे समय और पैसे की बर्बादी होती थी.
कैबिनेट ने 11 प्रस्ताव पास किए
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल मृतक आश्रित परिवारों के लिए राहत है. बल्कि सरकारी तंत्र की संवेदनशीलता का परिचायक भी है. इस फैसले से हजारों जिंदगियों में उम्मीद की नई किरण जलेगी और परिवार फिर से सम्मानपूर्वक जीवन जी सकेंगे. हालांकि, 2023-24 में विभाग को 131 करोड़ रुपए से अधिक का मुनाफा हुआ. 2024-25 में विभाग का मुनाफा 150 करोड़ रुपए करीब है. इसे देखते हुए, पिछले 8 सालों में जिन कर्मचारियों की मृत्यु हुई है, उनके आश्रित परिजनों को नियुक्ति देने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था.
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया- सार्वजनिक उद्यम विभाग के शासनादेश के तहत, अगर कोई विभाग घाटे में रहता है तो वहां अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती. परिवहन निगम 2016-17 से लगातार घाटे में चल रहा था। इसके बाद कोरोना महामारी के कारण विभाग पर आर्थिक मंदी का असर पड़ा. सरकार ने राज्य प्रशासन के ढांचे को और अधिक संगठित एवं प्रभावी बनाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है. राज्य कैबिनेट की हालिया बैठक में 11 प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई. जिनमें सबसे अहम प्रस्ताव रहा धर्मार्थ कार्य विभाग का लखनऊ स्थानांतरण. अब तक यह विभाग प्रयागराज से संचालित होता था. लेकिन शासन की नई योजना के तहत इसे राजधानी लखनऊ में स्थानांतरित किया जाएगा. इसका उद्देश्य प्रशासनिक समन्वय को बेहतर बनाना और नीतियों को तेज़ी से लागू करना है.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।