Lucknow में बढ़ा जमीन का दाम, इन सड़कों के आसपास की जमीन हुई महंगी

Lucknow में बढ़ा जमीन का दाम, इन सड़कों के आसपास की जमीन हुई महंगी
Lucknow में बढ़ा जमीन का दाम, इन सड़कों के आसपास की जमीन हुई महंगी

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित लखनऊ में अब जमीन, मकान व दुकान खरीदना पहले से कहीं ज्यादा महंगा हो गया है. शुक्रवार, 1 अगस्त से लागू हुए नए सर्किल रेट ने बाजार में हलचल मचा दी है. इन नए रेट के लागू होने से जहां खरीदारों की जेब पर असर पड़ेगा, वहीं प्रशासन को आशा है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और बिल्डरों द्वारा की जाने वाली मनमानी पर अंकुश लगेगा.

पुराने मापदंड समाप्त, नई व्यवस्था लागू

लगभग दस साल बाद जिला प्रशासन ने जमीन की कीमतें निश्चित करने के पैमानों में बड़ा परिवर्तन किया है. अब जमीन का मूल्य केवल कॉलोनी या इलाके के नाम पर निश्चित नहीं किया जाएगा, बल्कि वहां की सड़कें, आसपास का इस्तेमाल और इलाके की पहचान भी कीमत पर सीधा असर डालेगी.

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आम नागरिकों के लिए QR कोड की सुविधा

एडीएम (एफआर) राकेश कुमार सिंह ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि "नागरिकों की सुविधा के लिए दो नए क्यूआर कोड जारी किए गए हैं. पहले कोड से स्टांप शुल्क, रजिस्ट्री की जानकारी और संबंधित अधिकारियों का विवरण मिल सकेगा. दूसरे कोड से रजिस्ट्री कार्यालय का नक्शा और लोकेशन मिलेगी. इससे लोगों को बेवजह सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे."

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व्यवसायिक व कृषि भूमि पर बड़ा असर

राजस्व विभाग के मुताबिक कृषि भूमि के दाम में औसतन 15% की बढ़ोतरी की गई है. वहीं व्यावसायिक जमीन की दरें 25% तक और ऊंची इमारतों के दाम करीब 20% तक बढ़ा दिए गए हैं. दुकानों, दफ्तरों और गोदामों के सर्किल रेट में भी 20% तक का उछाल आया है. कुछ ऐसे क्षेत्र, जहां पहले रेट बेहद कम थे परंतु कारोबार ज्यादा होता था, वहां कीमतों में 40% तक की भारी वृद्धि की गई है.

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शहर की प्रमुख सड़कों पर अलग दरें

लखनऊ की 67 प्रमुख सड़कों की पहचान कर उनके आस-पास के इलाके का विशेष सर्किल रेट निश्चित किया गया है. गोमतीनगर के विराज खंड और विभूति खंड सबसे महंगे क्षेत्र बने हैं. इन सड़कों के आसपास जमीन की कीमत अब ₹77,000 प्रति वर्गमीटर तक पहुंच गई है. ये इलाके वन अवध मॉल, मंत्री आवास, बैंक ऑफ इंडिया लोहिया पथ और हयात होटल जैसे पॉश स्थानों से जुड़े हुए हैं.

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निजी कॉलोनियों में अब नहीं होगी बिल्डरों की मनमानी

अंसल, एमार जैसी निजी कॉलोनियों में पहले सर्किल रेट काफी कम थे, जबकि बिल्डर बाजार भाव से ज्यादा वसूलते थे. अब प्रशासन ने इन इलाकों का रेट ₹18,000 से सीधा ₹50,000 कर दिया है. इस कदम से जहां रजिस्ट्री का मूल्य असल बाजार दर के करीब आएगा, वहीं टैक्स चोरी करने वालों पर भी नकेल कसेगी. 

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पारिवारिक संपत्ति के लिए राहत भरी ख़बर

अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति बेटे-बेटी, बहू-दामाद, माता-पिता या सगे भाई-बहन को देता है, तो उस पर ₹5,000 का ही स्टांप शुल्क लगेगा. यह कदम पारिवारिक संपत्ति के हस्तांतरण को सरल और किफायती बनाएगा.

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व्यावसायिक गतिविधियों वाले क्षेत्रों के लिए नए प्रावधान

अगर किसी गैर-कृषि जमीन के आसपास व्यावसायिक गतिविधि होती है तो अब उस जमीन की कीमत स्वतः 20% ज्यादा मानी जाएगी. वहीं बिक्री के समय रजिस्ट्री की दरें गैर-कृषि जमीन के मुकाबले 50% ज्यादा रखी जाएंगी.

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कॉलोनियों की अपडेटेड रेट सूची

शहर की 26 बड़ी कॉलोनियों में नए रेट निश्चित कर दिए गए हैं. गोमतीनगर सबसे महंगा क्षेत्र बन गया है जहां कीमतें ₹77,000 प्रति वर्गमीटर तक पहुंच चुकी हैं. इसके बाद महानगर में रेट ₹41,000 से ₹65,000 तक और इंदिरानगर में ₹35,000 से ₹62,000 तक निश्चित हुए हैं. अनंतनगर (₹15,000-₹18,000) और संतुष्टि एन्क्लेव (₹7,000-₹10,000) सबसे सस्ते क्षेत्रों में शामिल हैं.

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