यूपी उपचुनाव में कांग्रेस के इस फैसले लगा सपा को झटका! अब इस इलेक्शन में नहीं पूरा होगा अखिलेश यादव का ये सपना?
UP Bypolls 2024
UP Politics: कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव में हिस्सा लेने से परहेज कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच गठबंधन में तनाव की खबरें सामने आई हैं. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नौ में से सिर्फ दो सीटों पर सपा की पेशकश से नाखुश है और वह सभी नौ सीटों पर सपा के लिए उम्मीदवार न उतारने पर विचार कर रही है. कांग्रेस सपा उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा से भी नाराज है. हरियाणा चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद सपा ने छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए. कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने असंतोष जताते हुए कहा, "यह एकतरफा घोषणा है और इस बारे में हमसे सलाह नहीं ली गई."
उत्तर प्रदेश में पहले दस सीटों पर उपचुनाव होने थे, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने मिल्कीपुर को छोड़कर केवल नौ सीटों- करहल, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर- पर चुनाव की घोषणा की. मतदान 13 नवंबर को होना है और मतगणना 23 नवंबर को होगी. सपा ने अब तक मिल्कीपुर समेत कुल सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. कांग्रेस को अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद सदर सीट की पेशकश की गई है.
अखिलेश यादव के करीबी राजेंद्र चौधरी ने हाल ही में पीटीआई को दिए साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि सपा नौ में से सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस बाकी दो सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने यह भी दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन बरकरार है और दोनों दल पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे.
लोकसभा चुनाव में छह संसदीय सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने अनुरोध किया था कि 2022 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जीती गई खाली सीटों में से पांच सीटें सपा को आवंटित की जाएं. अजय राय ने यह भी संकेत दिया है कि कांग्रेस विशेष रूप से मझवां, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर और फूलपुर सीटों में रुचि रखती है.
हालांकि, सपा ने मझवां, मीरापुर और फूलपुर के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी है. सपा कथित तौर पर हरियाणा चुनावों के दौरान कांग्रेस के दृष्टिकोण से नाखुश है, जहां उसे दरकिनार किया गया था. जिस दिन हरियाणा के नतीजे घोषित हुए, उस दिन कई सपा नेताओं ने टिप्पणी की कि भले ही पार्टी को कोई सीट आवंटित न की गई हो, कांग्रेस अखिलेश यादव को प्रचार के लिए आमंत्रित कर सकती थी.
1सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने भी असंतोष का संकेत देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस महाराष्ट्र में सपा को महत्व देती है, तो इसका असर उत्तर प्रदेश में भी दिखेगा. सपा महाराष्ट्र में 12 सीटों की मांग कर रही है और उनमें से पांच के लिए उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर चुकी है. महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का सीट बंटवारे का फॉर्मूला अभी भी अस्पष्ट है, और केवल समय ही बताएगा कि अखिलेश यादव की 12 सीटों की मांग पर एमवीए ध्यान देगा या नहीं.