यूपी के बसों में लगेगी अब ये खास बटन, UPSRTC ने लिया बड़ा फैसला
UPSRTC

उत्तर प्रदेश सरकार ने एनईसी के साथ एक साझेदारी में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के 5 हजार बसों में SOS बटन लगाने का फैसला लिया है. इस सुविधा से यात्री अपने सफर के दौरान अनहोनी की स्थिति में अपने करीबी या स्थानीय प्रशासन को अलार्म का बटन दबा करके सहायता मांग सकेंगे. पब्लिक सेफ्टी डिविजन और अन्य डिविजन के नेता, प्रदीप कुशवाह, ने बताया कि एनईसी एक जापानी कंपनी है और भारत सरकार के डिजिटल इंडिया ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए इस साझेदारी को महत्व दिया जा रहा है.
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए आईटी कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने बताया कि भारत में होने वाले प्रोसेस को और भी ऑटोमेटिक बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिससे सुरक्षा और सुरक्षा में वृद्धि होगी. इस तकनीक से भारत में निर्भया जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी के संदर्भ में पांच हजार बसों में SOS बटन लगाने का निर्णय लिया है.
कमांड और नियंत्रण सिस्टम की स्थापना
प्रदीप कुशवाहा ने एनईसी के तहत स्मार्ट सिटी के लिए सहारनपुर, वाराणसी, और मेरठ शहरों में एक एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) की शुरुआत की जानकारी दी. इससे शहरों का प्रबंधन, सुरक्षा, और क्षमता में सुधार देखने को मिला है. मेरठ में एडवांस्ड तकनीकों जैसे एडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस) को 8 चौराहों पर लागू किया गया है, जिससे शहर में यातायात और सुरक्षा में सुधार देखा गया है. सहारनपुर, वाराणसी, और मेरठ शहरों में तकनीकी उन्नति के नए कदमों के बारे में जानकारी दी गई है.
सहारनपुर में एक एकीकृत कमांड और नियंत्रण सिस्टम की स्थापना करवाया गया है, जिससे शहर में ट्रैफिक और सुरक्षा में सुधार हुआ है. इसके साथ ही लगभग 1000 कैमरे भी शहर में लगा दिए गए हैं. वाराणसी में एनईसी ने एक बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम लागू किया है, जिसमें फेशियल रिकग्निशन बायोमेट्रिक सोल्यूशन का उपयोग करके वाराणसी हवाई अड्डे पर सीमलेस पैसेंजर प्रोसेसिंग को सुनिश्चित किया गया है.
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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है