UP Board Results 2025: 12वीं की महक जयसवाल की मार्कशीट देखें यहां, फिजिक्स, केमेस्ट्री में हैं इतने नंबर्स
.jpeg)
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है. बीते कुछ वर्षों में बोर्ड ने न केवल अपनी कार्यप्रणाली में सुधार किया. बल्कि परीक्षा और परिणाम की समयबद्धता को भी प्राथमिकता दी. 2025 में यह और भी स्पष्ट हो गया जब यूपी बोर्ड ने तय समय पर परीक्षाएं कराईं और समय से पहले रिजल्ट भी घोषित कर दिया. यह बदलाव शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन, जिम्मेदारी और पारदर्शिता का प्रतीक बन चुका है.
शिक्षा व्यवस्था में सुधार का संकेत
इस साल यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं तय समय पर आयोजित की गईं. बिना किसी रुकावट के राज्यभर के लाखों छात्रों ने निर्धारित डेटशीट के अनुसार अपनी परीक्षा दी. इससे छात्रों को अपने भविष्य की योजना बनाने में मदद मिली. पिछले वर्षों में छात्रों को परीक्षा के बाद महीनों तक रिजल्ट का इंतजार करना पड़ता था. लेकिन अब समय से रिजल्ट घोषित होने से छात्रों को आगे की पढ़ाई, एडमिशन और करियर प्लानिंग में आसानी होती है. इन सभी व्यवस्थाओं ने यूपी बोर्ड को देशभर में एक आदर्श बोर्ड प्रणाली के रूप में स्थापित किया है.
यह न केवल छात्रों को अनुशासन सिखाता है, बल्कि उन्हें निष्पक्षता और मेहनत का महत्व भी समझाता है. समय पर परीक्षा और रिजल्ट सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं. बल्कि यह उस बदलाव का संकेत है जो उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आ चुका है। यह दिखाता है कि अब बोर्ड परीक्षा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं. बल्कि जवाबदेही और अनुशासन का प्रतीक बन चुकी है. यूपी बोर्ड की यह पहल न केवल छात्रों का भरोसा जीतती है. बल्कि देश के अन्य राज्यों को भी एक मजबूत और पारदर्शी शिक्षा प्रणाली अपनाने की प्रेरणा देती है. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 2025 में न सिर्फ परीक्षा प्रणाली को सुधारने का कार्य किया. बल्कि रिजल्ट की समयबद्ध घोषणा से छात्रों के मन से अनिश्चितता और तनाव को भी दूर किया. अब छात्र महीनों तक रिजल्ट का इंतजार नहीं करते, बल्कि सही समय पर परिणाम पाकर अपने भविष्य की दिशा स्पष्ट रूप से तय कर पाते हैं.
Read Below Advertisement

छात्रों की सोच में बदलाव
अब छात्र केवल परीक्षा देने तक ही सीमित नहीं रहतेए बल्कि वे जान चुके हैं कि परिणाम जल्दी मिलना उन्हें समय से योजना बनाने में मदद करता है. इससे करियर को लेकर उनकी सोच परिपक्व होती है और वे आत्मनिर्भर बनते हैं. रिजल्ट समय से आने पर हमें यह पता चल जाता है कि आगे क्या करना है कॉलेज कोर्स या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में कोई रुकावट नहीं आती. समय पर रिजल्ट न केवल छात्रों के लिए लाभकारी है बल्कि यह बोर्ड की कार्यप्रणाली की पारदर्शिता और अनुशासन का भी प्रतीक है. यह दर्शाता है कि शिक्षा अब अधिक प्रोफेशनल, जिम्मेदार और छात्र.केंद्रित हो चुकी है. समय से रिजल्ट सिर्फ एक तारीख नहीं होती. यह छात्रों के लिए मानसिक राहत, आत्मविश्वास और भविष्य की स्पष्ट दिशा का नाम है. यूपी बोर्ड ने इसे साकार करके लाखों छात्रों की शिक्षा यात्रा को सरल और सुव्यवस्थित बना दिया है.
यह पहल देश के अन्य बोर्ड्स के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है. यूपी बोर्ड का 12वीं का रिजल्ट जारी हो गया है। प्रयागराज की महक जायसवाल ने 97.20% के साथ प्रदेश में टॉप किया है. दूसरे स्थान पर अमरोहा की साक्षी, सुल्तानपुर के आदर्श यादव, प्रयागराज की शिवानी सिंह और कौशाम्बी की अनुष्का सिंह रहीं. इन सभी के 96.80% अंक हैं वहीं, इटावा की मोहिनी 96.40% अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. इस बार के रिजल्ट में लड़कियां लड़कों से 10% ज्यादा पास हुई हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव और यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने रिजल्ट की घोषणा की. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने पहली बार छात्रों को मार्कशीट डाउनलोड करने का ऑप्शन दिया है. इस बार 12 वीं की परीक्षा में कुल 27,05,017 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था. इनमें 14,58,983 छात्र, जबकि 12,46,024 छात्राएं थीं. इंटरमीडिएट की परीक्षा में 2512576 रेगुलर, 85984 प्राइवेट के साथ कुल 2598560 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था। परीक्षार्थियों में 1387263 छात्र और 1211297 छात्राएं हैं. रेगुलर परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 81.15 जबकि प्राइवेट का 81.28% रहा.